इस बार फरवरी के महीने में ही तापमान 30 डिग्री पार कर गया है. आमजन इससे परेशान हो सकता है, लेकिन कूलिंग उत्पाद बनाने वाली कंपनियां इसे व्यावसायिक अवसर की तरह देख रही हैं. इसलिए कंपनियों ने गर्मी के सीजन की तैयारी भी शुरू कर दी है. खासतौर से एयर कंडीशनर बनाने वाली कंपनियां काफी उत्साहित हैं. कंपनियों का कहना है कि देश में महंगाई का असर एयर कंडीशनर की कीमतों पर भी पड़ा है और पिछले एक साल के दौरान एसी के दाम दो-तीन बार बढ़ भी चुके हैं. लगभग 10 से 15 फीसदी तक महंगे होने के बावजूद एसी की बिक्री पर कोई असर नहीं पड़ा है, बल्कि ये रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है. बीते साल के आंकड़े देखें, तो कोरोना महामारी से पहले साल 2019 की पहली छमाही में 42.5 से 45 लाख एसी की बिक्री हुई थी.
ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी द्वारा हाल ही में एसी की स्टार रेटिंग में भी संशोधन किया गया है, जिसका असर कीमतों पर पड़ा है. स्टार रेटिंग में बदलाव एक जुलाई 2022 से लागू हो गया है. इसके मुताबिक, 5-स्टार एसी की रेटिंग सीधे 4-स्टार कर दी गई है. नई एनर्जी एफिशिएंसी निर्देशों के साथ ही भारत में एसी की कीमतों में भी वृद्धि देखने को मिली है.
चौहान का कहना है कि बीते कुछ समय में धातुओं से लेकर अहम कलपुर्जों के महंगे होने और लॉजिस्टिक्स शुल्क में बढ़ोतरी के चलते कंपनियों को अपने उत्पाद के दाम बढ़ाने पड़े हैं. इनमें इलेक्ट्रिक उत्पादों पर महंगाई का खासा असर दिखा है. इन उत्पादों के दाम बढ़ने में भारतीय करेंसी रुपए में गिरावट भी बड़ा कारण है. ऐसा इसलिए, क्योंकि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए के निचले स्तर पर आने से आयात लागत में इजाफा हुआ है.