नई दिल्ली, 30 जून . दिल्ली सरकार मंगलवार से अपना समय पूरा कर चुके (ईओएल) वाहनों को पेट्रोल और डीजल की बिक्री बंद करने की योजना बना रही है. अधिकारी ने बताया कि यह कदम राजधानी में वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण से निपटने के उद्देश्य से उठाया गया है.
पेट्रोल पंप मालिकों ने सोमवार को पुष्टि की कि समय पूरा कर चुके वाहनों की पहचान के लिए उनके आउटलेट पर परिवहन मंत्रालय के डेटा बैंक से जुड़े स्वचालित नंबर प्लेट पहचान (एएनपीआर) कैमरे और अन्य उपकरण लगाए गए हैं.
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने निर्देश जारी किया है कि एएनपीआर कैमरों या फिलिंग स्टेशनों पर लगाए गए ऐसे अन्य उपकरणों के माध्यम से पहचाने जाने वाले सभी ईओएल वाहनों को 1 जुलाई से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) दिल्ली में ईंधन नहीं दिया जाएगा.
सीएम रेखा गुप्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “सार्वजनिक परिवहन को तेजी से इलेक्ट्रिक वाहनों में बदला जा रहा है, जिससे न केवल प्रदूषण कम होगा, बल्कि दिल्ली के निवासियों को स्वच्छ और किफायती परिवहन भी मिलेगा.”
ईओएल वाहनों को ईंधन की बिक्री पर प्रतिबंध को लागू करने के लिए, ईंधन स्टेशनों पर परिवहन विभाग के डेटाबेस से जुड़े एआई कैमरे लगाए गए हैं. ये कैमरे नंबर प्लेट पढ़ेंगे, ओवरएज वाहनों की पहचान करेंगे और पेट्रोल पंप कर्मचारियों को सतर्क करेंगे.
एक अधिकारी ने कहा कि 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहन और 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहन (व्यक्तिगत) मंगलवार से ईंधन खरीदने से प्रतिबंधित रहेंगे. परिवहन विभाग ने ईओएल वाहनों को उन वाहनों के रूप में परिभाषित किया है, जो अब वैध रूप से पंजीकृत वाहन नहीं हैं, चाहे वे पेट्रोल, सीएनजी या डीजल पर चल रहे हों. इनमें 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहन और 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहन भी शामिल हैं.
परिवहन विभाग ने चेतावनी दी है कि ईओएल वाहनों को ईंधन की आपूर्ति करते पाए जाने वाले पेट्रोल पंप मालिकों पर भी कार्रवाई की जा सकती है.
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एससीएच/डीएससी