लातूर में कुख्यात अपराधी अजिंक्य निलकंठ मुले और गैंग पर मोक्का के तहत सख्त कार्रवाई, 2403 पन्नों की चार्जशीट दाखिल

लातूर, 9 सितंबर . महाराष्ट्र के लातूर शहर में पुलिस ने कुख्यात अपराधी अजिंक्य निलकंठ मुले और उसके गैंग पर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मोक्का) के तहत बड़ी कार्रवाई की है.

शहर के उपविभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) समीर सिंह सालवे ने बताया कि इस गैंग के सदस्यों के खिलाफ 2,403 पन्नों का विशाल चार्जशीट विशेष मोक्का न्यायालय में दाखिल कर दिया गया है. यह कार्रवाई नांदेड रेंज के विशेष पुलिस उप महानिरीक्षक की अनुमति से की गई, क्योंकि इनके खिलाफ पहले से ही शहर में हिंसक अपराधों और लूटपाट के करीब 25 गंभीर मामले दर्ज हैं.

मामला 11 मार्च का है. शाम करीब 4 बजे अंबाजोगाई रोड पर स्थित राजश्री बार में अजिंक्य मुले और उसके साथी बालाजी जगताप, अक्षय कांबले, प्रणव संदीकर, साहिल पठान, नितीन भालके और एक नाबालिग ने शराब पीने के बाद बिल मांगा. लेकिन, जब बिल आया तो इन लोगों ने पैसे देने से मना कर दिया, जिसके बाद बार मालिक अजय चिंचोले ने इन सबको पैसे चुकाने को कहा, इस पर गुस्साए आरोपियों ने धारदार हथियारों, चाकू, लोहे की कटारी, रॉड और बीयर की बोतलों से पीड़ित पर जानलेवा हमला कर दिया. उन्होंने अजय को बीच सड़क पर अर्धनग्न अवस्था में घसीटा और 2,200 रुपये नकद लूट लिए. इस घटना से इलाके में दहशत फैल गई.

घटना के बाद शिवाजी नगर पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई. प्रारंभिक जांच एसआई हनुमंत कवले ने की, जबकि नांदेड के आईजी ने मामले की गहन जांच के निर्देश दिए. जांच के दौरान पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से चाकू, लोहे की कटारी, रॉड और लूटी गई नकदी बरामद की. आगे की पूछताछ में पता चला कि यह गैंग लातूर शहर में लंबे समय से सक्रिय है. इनके खिलाफ विभिन्न थानों में मारपीट, लूट, हत्या के प्रयास जैसी 25 से अधिक आपराधिक घटनाओं के केस दर्ज हैं. इनकी गतिविधियां संगठित अपराध की श्रेणी में आती हैं, इसलिए मोक्का की धाराएं जोड़ी गईं.

एसडीपीओ समीर सिंह सालवे ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “11 मार्च को शिवाजी नगर थाने में अजिंक्य मुले और उसके 7 साथियों के खिलाफ First Information Report दर्ज हुई थी. जांच में साबित हुआ कि यह गैंग हिंसक वारदातों में लिप्त है. हमने सभी सबूत इकट्ठा कर चार्जशीट तैयार की.” उन्होंने बताया कि वर्तमान में जिले के थानों में इनके खिलाफ कम से कम 13 सक्रिय मामले हैं.

एसएचके/जीकेटी