पंजाब : अमृतसर में ड्रग तस्कर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई, पुलिस और नगर निगम की टीम ने ध्वस्त किया मकान

अमृतसर, 24 मई . पंजाब के अमृतसर में पुलिस ने नशे के खिलाफ अभियान के तहत शनिवार को एक ड्रग तस्कर सन्नी गुल्ला के मकान को ध्वस्त कर दिया. पुलिस और नगर निगम की संयुक्त टीम ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया. पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने समाचार एजेंसी से बातचीत में इस कार्रवाई के बारे में जानकारी दी.

पुलिस कमिश्नर ने शनिवार को कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान का ड्रग तस्करों के खिलाफ रुख बिल्कुल साफ है कि उन्हें किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा. उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. मुख्यमंत्री ने पंजाब को ड्रग मुक्त राज्य घोषित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इस दिशा में हम लगातार काम कर रहे हैं.

इसके अलावा, मुख्यमंत्री की तरफ से स्पष्ट निर्देश हैं कि ड्रग की तस्करी से प्राप्त होने वाले पैसों से अर्जित की गई संपत्ति को फौरन ध्वस्त किया जाए. इसी कड़ी में नगर निगम की टीम ने ड्रग तस्कर सन्नी गुल्ला के मकान को ध्वस्त करने के लिए हमसे मदद मांगी.

उन्होंने कहा कि सन्नी गुल्ला पर कई गंभीर आरोप लग चुके हैं. एनडीपीएस एक्ट के तहत उसके खिलाफ चार मामले दर्ज हैं. इससे पहले उसके खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला भी दर्ज हो चुका है. साथ ही, उस पर जेल में भी कई आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने का आरोप है.

उन्होंने कहा कि इस कार्रवाई से एक साफ संदेश गया है कि ड्रग तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उनके खिलाफ कार्रवाई करने में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी. इस कार्रवाई के बाद आसपास के लोग राहत की सांस लेते नजर आ रहे हैं. उन्हें नई उम्मीद है कि उनके बच्चों को नशे से छुटकारा मिलेगा. यहां के लोगों का मानना है कि अगर हमारे आसपास नशे की उपलब्धता कम रहेगी, तो हमारे बच्चे इसका शिकार नहीं होंगे.

गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने कहा कि जो लोग ड्रग्स के आदी हो चुके हैं, ऐसे लोगों को चिह्नित कर उनका उपचार कराया जा रहा है. साथ ही, प्रशासन की तरफ से ऐसे लोगों को राहत भी दी जा रही है, जो नशे को छोड़कर एक सामान्य जीवन जीने के लिए तैयार हैं.

ड्रग तस्कर सन्नी गुल्ला की मां ने पत्रकारों से बातचीत में उनके बेटे पर लगे आरोपों को झूठा बताया. उन्होंने कहा कि वह किसी भी प्रकार का नशा नहीं बेचता है. उन्होंने कहा, “अब मेरे बेटे के बारे में कौन क्या कह रहा है, मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है. कहने वाले कुछ भी कह सकते हैं.”

एसएचके/एकेजे