‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर भारत एकजुट, पाकिस्तान को अलग-थलग करने की रणनीति : समिक भट्टाचार्य

कोलकाता, 18 मई . भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और राज्यसभा सांसद समिक भट्टाचार्य ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को भारत की एक बड़ी उपलब्धि करार देते हुए कहा कि इसका उद्देश्य पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर अलग-थलग करना और आतंकवाद के खिलाफ भारत की मजबूत नीति को दुनिया के सामने रखना है.

समिक भट्टाचार्य ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद का केंद्र बन चुका है, जिससे भारत की सीमाओं पर लगातार खतरा बना हुआ है. इस स्थिति में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ आतंकवाद के खिलाफ भारत की निर्णायक कार्रवाई का प्रतीक है. आतंकवाद एक ऐसी बीमारी है, जिसे पनपने से पहले खत्म करना जरूरी है, वरना यह हमें नष्ट कर देगा. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए भारत ने दुनिया को दिखाया कि हम आतंकवाद के खिलाफ कितने गंभीर हैं. हमारा लक्ष्य है कि पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अलग-थलग किया जाए और इसके लिए सभी देशों को भारत की स्थिति से अवगत कराना जरूरी है. यह कार्रवाई देश की संप्रभुता और सुरक्षा के लिए अनिवार्य थी.

उन्होंने कहा कि सर्वदलीय बैठक में सभी राजनीतिक दलों ने एक ही बात कही थी कि वे सरकार के साथ हैं. अब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि दुनिया के सभी देशों में जाने वाले हैं और वैश्विक मंचों पर भारत का पक्ष रखने के लिए तैयार हैं. ऐसे में कांग्रेस पार्टी का रवैया गलत है. कांग्रेस को अपने पुराने इतिहास को भूलकर देशहित में एकजुटता दिखानी चाहिए. अगर कांग्रेस विभाजनकारी बयानबाजी करेगी तो यह पाकिस्तानी मीडिया के लिए सुर्खियां बन जाएगी. हम ऐसी स्थिति में कोई राजनीतिक बंटवारा नहीं चाहते.

भट्टाचार्य ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर की तारीफ की, जिन्होंने आतंकवाद के खिलाफ स्पष्ट रुख अपनाया और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का समर्थन किया. उन्होंने कहा, “शशि थरूर का आतंकवाद के खिलाफ रुख स्पष्ट है. कांग्रेस को यह तय करने की जरूरत नहीं है कि किसे सम्मान देना है. देश की जनता कांग्रेस के रवैये को अच्छी तरह समझ चुकी है.” उन्होंने जनता से अपील की कि वह देशहित में एकजुट रहे और कांग्रेस को उसकी जिम्मेदारी याद दिलाए.

आपको बता दें कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत ने 7 मई 2025 को पाकिस्तान और पीओके में आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए. सेना की यह कार्रवाई पहलगाम हमले के जवाब में थी, जिसमें 26 नागरिकों की जान गई थी.

एकेएस/एकेजे