मथुरा, 20 सितंबर . विश्व प्रसिद्ध तिरुपति बाला जी मंदिर के प्रसाद में मिलावट को प्रसिद्ध कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने ‘आत्मा का वध’ करने जैसा बताया है. इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए उन्होंने केंद्र सरकार और उच्चतम न्यायालय से ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की अपील भी की है.
उन्होंने एक वीडियो संदेश के जरिए अपनी पीड़ा साझा की है. कहा है, “तिरुपति बालाजी के प्रसाद में जिस तरीके की मिलावट की बातें हम लोगों को सुनाई पड़ रही हैं. यह बहुत दुखद है, आत्मा का वध करने जैसा है. आज़ाद देश में कोई सनातियों की भावना से इतना बड़ा खिलवाड़ कर सकता है. वह भी प्रदेश की सरकार के संरक्षण में या उसकी देखरेख में! हमारे संविधान में यह कहा गया है कि सब लोग अपनी पूजा पद्धति अपने- अपने अनुसार करेंगे लेकिन क्या संविधान में यह अनुमति है कि हमारी पूजा पद्धति पर अधिकार प्रादेशिक सरकार का होगा या उस पर कमेटी बनाकर रखी जाए अथवा उसमें मिलावट होगी अथवा उसमें भी कुछ ऐसी चीज़ मिला दी जाएंगी, जिससे सनातनियों का धर्म बर्बाद हो जाएगा.
कथावाचक ने आगे कहा, तिरुपति बालाजी में पवित्रता का ध्यान रखा जाता है और हम सब ये जानते हैं लेकिन जिस तरीके की न्यूज आ रही है वो ठीक नहीं है. अगर यह सच है तो निश्चित तौर पर हम सब सनातनियों के साथ बहुत बड़ा आघात हो रहा है. हम सब सनातनियों को बार-बार कहा जाता है कि शांति रखें तो आप बताइए जूस में मूत्र मिल रहा है. भोजन में थूक मिल रहा है. प्रसाद में मिलावट मिल रही है. क्या सनातनियों को इसके बावजूद भी चुप होना चाहिए?”
महाराज ने कठोर कार्रवाई की मांग उठाई है. बोले, “ यह अगर सच है तो इसके पीछे कौन व्यक्ति है पहले यह पता करें. फिर उस व्यक्ति के विरुद्ध इतनी कठोर कार्रवाई हो कि दोबारा किसी का साहस ना हो सके. यह मैं भारत सरकार से और सुप्रीम कोर्ट से भी निवेदन करूंगा की अगर आप भी संविधान के तहत हैं तो आपकी यह ज़िम्मेदारी बनती है कि इस पर गहन जांच करके दोषियों को बहुत बड़ी सजा दें.
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पीएसएम/केआर