मुंबई, 24 जनवरी . भारतीय शेयर बाजार शुक्रवार के कारोबारी सत्र में लाल निशान में बंद हुआ. बाजार में चौतरफा बिकवाली देखी गई. सेंसेक्स 329 अंक या 0.43 प्रतिशत गिरकर 76,190 और निफ्टी 113 अंक या 0.49 प्रतिशत की गिरावट के साथ 23,092 पर बंद हुआ.
लार्जकैप की तुलना में मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों अधिक बिकवाली हुई. निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 835 अंक या 1.55 प्रतिशत की गिरावट के साथ 53,262 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 408 अंक या 2.35 प्रतिशत की गिरावट के साथ 16,956 पर बंद हुआ.
आईटी और एफएमसीजी को छोड़कर बाकी सभी इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए. ऑटो, पीएसयू बैंक, फार्मा, मेटल, रियल्टी, एनर्जी और इन्फ्रा में सबसे ज्यादा गिरावट थी.
सेंसेक्स पैक में एचयूएल, टेक महिंद्रा, नेस्ले, भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, इन्फोसिस, पावर ग्रिड, आईटीसी, टीसीएस और एनटीपीसी टॉप गेनर्स थे. एमएंडएम, जोमैटो, टाटा मोटर्स, इंडसइंड बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एलएंडटी, अल्ट्राटेक सीमेंट, बजाज फिनसर्व, एचडीएफसी बैंक और सनफार्म टॉप लूजर्स थे.
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर 1,041 शेयर हरे निशान में, 2,900 शेयर लाल निशान में और 118 शेयर बिना किसी बदलाव के बंद हुए हैं.
भारतीय शेयर बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) लगातार पिछले 15 दिनों से बिकवाली कर रहे हैं. गुरुवार के कारोबारी सत्र में विदेशी निवेशकों ने 5,462.52 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे. इस दौरान घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 3,712 करोड़ रुपये की खरीदारी की थी.
पीएल कैपिटल- प्रभुदास लीलाधर के एडवाइजरी प्रमुख, विक्रम कसात ने कहा कि बाजार में कमजोरी की वजह कॉरपोरेट्स आय में गिरावट होना है. यह अमेरिका में ब्याज दर में कटौती होने की संभावना और कच्चे तेल में गिरावट जैसे अच्छे संकेतों पर हावी है.
उन्होंने आगे कहा कि निफ्टी 23,250 के ऊपर टिकने में कामयाब नहीं रहा, जो दिखाता है कि बाजार में खरीदारी का रुझान नहीं है. विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शेयरों की बिकवाली जारी रखी है, जिससे लार्जकैप, खास तौर पर बैंकिंग क्षेत्र पर दबाव बढ़ा है. इससे आने वाले समय में बाजार में और गिरावट देखने को मिल सकती है.
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