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Lucknow, 10 नवंबर . उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने Sunday को गोमतीनगर के उजरियाव गांव (विजय खंड-1) में एक मकान पर छापेमारी की. इस छापेमारी की बदौलत एसटीएफ ने जहरीले नकली ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन बनाने और तस्करी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया.
एसटीएफ ने सरगना समेत दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि मकान मालिक फरार है. बरामद माल की कीमत करीब 1 करोड़ रुपए आंकी गई है.एसटीएफ के डिप्टी एसपी दीपक सिंह ने बताया कि महीनों से इस मकान में चीन से मंगवाए गए पाउडर को फिनायल, यूरिया, नमक, विनेगर और रंग मिलाकर जहरीले ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन तैयार किए जा रहे थे. ये इंजेक्शन Lucknow, आसपास के जनपदों के अलावा बिहार, दिल्ली और कई अन्य राज्यों में सप्लाई किए जा रहे थे.
गिरफ्तार आरोपी बागपत जिले के बड़ौत क्षेत्र के मलकपुर गांव निवासी कयूम अली (बसंतकुंज PM आवास में रहता था) और मदेयगंज कदम रसूल वार्ड निवासी मोहम्मद इब्राहिम हैं. मकान मालिक गौसुल हसन की तलाश जारी है.
डिप्टी एसपी दीपक सिंह ने खुलासा किया कि कयूम चीन से कुरियर के जरिए इंजेक्शन बनाने का पाउडर मंगवाता था, जो पहले गाजियाबाद के लोनी कटरा पहुंचता था. वहां से गैंग के सदस्य इसे Lucknow लाते थे. तैयार इंजेक्शन डेयरी मालिकों, सब्जी विक्रेताओं और किसानों तक एजेंटों के माध्यम से पहुंचाए जाते थे. ये इंजेक्शन गाय-भैंस को दूध बढ़ाने के लिए, सब्जियों की चमक बढ़ाने और फसल में तेजी लाने के लिए इस्तेमाल होते थे.
उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे जहरीले इंजेक्शन से निकला दूध पीने और इंजेक्शन लगी सब्जियां खाने से लोगों में कैंसर, हार्मोन असंतुलन, प्रजनन क्षमता में कमी और अन्य गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. बच्चों और गर्भवती महिलाओं पर इसका असर और खतरनाक है.
एसटीएफ को सूचना मिली कि उजरियाव गांव में अवैध इंजेक्शन फैक्ट्री चल रही है. दरोगा हरीश चौहान की टीम ने मकान को ट्रेस किया और Sunday दोपहर छापा मारा. मौके से दोनों आरोपी गिरफ्तार किए गए. बरामद किए गए सामान में, 1018 शीशियां (180 एमएल) तैयार ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन,
70 लीटर ऑक्सीटोसिन (5 लीटर के 14 गैलन), 55 लीटर फिनायल, 27 लीटर विनेगर, 16,500 खाली शीशियां (180 एमएल), 9 कैप सीलर मशीन, 3000 नीले और 3000 लाल एल्यूमिनियम कैप, 2500 रबर कैप, 19 किग्रा नमक, 1 फोन पे स्कैनर, 3 मोबाइल फोन और 790 रुपए नकद बरामद किए.
सभी बरामद नमूने लैब परीक्षण के लिए भेजे गए हैं. पूछताछ में कयूम ने कबूल किया कि वह लंबे समय से इस धंधे में लगा है और मुनाफा लाखों में होता था. एसटीएफ अब गिरोह के अन्य सदस्यों, सप्लायर्स और खरीदारों की तलाश कर रही है.
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एससीएच