नई दिल्ली, 27 अक्टूबर . केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रल्हाद जोशी ने रविवार को स्पष्ट किया कि पंजाब में धान और कस्टम मिल्ड चावल (सीएमआर) की सुचारू खरीद सुनिश्चित करने के लिए केंद्र द्वारा उपाय किए गए हैं.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि खरीफ विपणन सीजन के लिए निर्धारित 185 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) का लक्ष्य पूरी तरह हासिल किया जाएगा और धान का एक भी दाना बिना तैयार नहीं छोड़ा जाएगा.
प्रल्हाद जोशी ने यह भी घोषणा की कि चावल मिल मालिकों की शिकायतों के निवारण के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया जाएगा ताकि हितधारकों के सामने आने वाली किसी भी कठिनाई का तुरंत समाधान किया जा सके.
पंजाब में धान की खरीद आधिकारिक तौर पर 1 अक्टूबर को शुरू हुई थी, जिसमें सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए अस्थायी यार्ड सहित 2,700 नामित मंडियां (बाजार) बनाई गई थीं. सितंबर में भारी बारिश और धान में अधिक नमी की वजह से कटाई और खरीद में थोड़ी देरी हुई. हालांकि, देरी से शुरू होने के बावजूद, राज्य अब नवंबर तक 185 एलएमटी धान की खरीद के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है.
गत 26 अक्टूबर तक मंडियों में 54.5 एलएमटी आवक में से 50 एलएमटी धान की खरीद की जा चुकी है. पिछले साल इस तिथि तक 65.8 एलएमटी आवक में से 61.5 एलएमटी धान की खरीद की गई थी.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कुल 3,800 मिलर्स ने पंजीकरण के लिए आवेदन किया है, जिनमें से 3,250 मिलर्स को पंजाब सरकार द्वारा पहले ही काम आवंटित किया जा चुका है. एक सप्ताह में और मिलर्स के पंजीकरण और काम आवंटित किए जाने की उम्मीद है.
यदि निर्दिष्ट डिपो में 15 दिन की प्रतीक्षा अवधि के बाद खाली स्थान उपलब्ध नहीं होता है, तो उस स्थिति के लिए चावल मिलर्स द्वारा लगाए जाने वाले अतिरिक्त परिवहन शुल्क के भुगतान की शक्ति भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने क्षेत्रीय स्तर पर प्रदान कर दी है. इसके लिए खरीद पोर्टल में आवश्यक बदलाव किए गए हैं. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को पहले ही हल कर लिया गया है जिससे मिलर्स संतुष्ट भी हैं.
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आरके/एकेजे