नई दिल्ली, 12 जून . भारत में सड़क सुरक्षा संकट को दूर करने के लिए स्टीलबर्ड हेलमेट्स के प्रबंध निदेशक राजीव कपूर ने गुरुवार को ‘मिशन सेव लाइव्स 2.0 इंडिया’ लॉन्च किया. इस सम्मेलन में सरकारी अधिकारी, शोधकर्ता, उद्योग विशेषज्ञ और सड़क सुरक्षा समर्थक शामिल हुए.
दरअसल, मिशन सेव लाइव्स 2.0 इंडिया का उद्देश्य सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देना है, जिसमें वीआरयू सुरक्षा संकट, सुरक्षित सड़क डिजाइन, सरकार, मीडिया, एनजीओ और निजी क्षेत्र की भूमिका जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर ध्यान दिया गया है.
शिखर सम्मेलन के बाद स्टीलबर्ड हेलमेट्स के एमडी राजीव कपूर ने से बातचीत में कहा कि हर दिन भारत में कई लोगों की जान जाती है, जिन्हें केवल असली बीआईएस-प्रमाणित हेलमेट पहनकर बचाया जा सकता है. इसी के चलते हमने ‘मिशन सेव लाइव्स 2.0 इंडिया’ लॉन्च किया है. इस मिशन के तहत हम आने वाले सालों में मौतों की संख्या को 50 प्रतिशत कम कर सकेंगे. इसलिए रोड सेफ्टी को लेकर कड़े कदम उठाने की जरूरत है. हर एक मोटरसाइकिल के साथ दो हेलमेट होने चाहिए, अगर ऐसा नहीं होता है तो तुरंत चालान काटने चाहिए, जिससे लोगों की जान बच सकेंगी.
उन्होंने कहा, “देश में सड़क हादसे के कारण होने वाली मौतों की संख्या को कम करने के लिए हेलमेट इंडस्ट्रीज को 6 हजार करोड़ रुपए की इन्वेस्टमेंट करनी होगी और इससे 80 हजार लोगों के लिए रोजगार पैदा होगा. साथ ही 50 प्रतिशत जिंदगियों को बचाया जा सकेगा और इसकी शुरुआत आज से करनी होगी, ताकि अगले 6 साल में इस लक्ष्य को हासिल किया जा सके.”
नीति आयोग के उप सलाहकार अमित भारद्वाज ने से बातचीत में कहा, “हमारे देश में साल 2010 से रोड सेफ्टी पर फोकस किया गया है. उस दौरान देश में एक लाख 40 हजार से अधिक लोगों की मौत होती थी और नेशनल हाईवे 70 हजार किलोमीटर थे. हालांकि, अब देश में राजमार्गों की संख्या डबल हो गई है और मौतों की संख्या में भी कमी आई है. इसके बावजूद हमें देश के अंदर रोड सेफ्टी को लेकर काफी काम करने की जरूरत है.”
भारत में 2023 में लगभग 1.72 लाख सड़क दुर्घटनाएं और 4.63 लाख चोटें दर्ज की गई हैं. अकेले दोपहिया वाहन उपयोगकर्ताओं की सभी मौतों का लगभग 44.8% (लगभग 77,000) है, जिसमें अनुमानित 54,000 मौतें सीधे हेलमेट न पहनने से जुड़ी हैं.
मिशन 2029 तक टियर 2 शहरों तक विस्तारित होगा और जनवरी 2031 तक टियर 3 शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचेगा. मिशन का उद्देश्य क्षेत्रवार हेलमेट गैर-अनुपालन से व्यवस्थित रूप से निपटना है, जबकि यह सुनिश्चित करना है कि निर्माता बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन बढ़ा सकें.
–
एफएम/एबीएम