हजारीबाग में सिद्धू-कान्हू और केबी सहाय की प्रतिमाएं तोड़ी गई, प्रशासन ने शुरू की जांच

हजारीबाग, 25 जुलाई . झारखंड के हजारीबाग जिला मुख्यालय में कुछ असामाजिक लोगों ने दो अलग-अलग जगहों पर स्वतंत्रता सेनानी और बिहार के पूर्व Chief Minister कृष्ण बल्लभ सहाय और संथाल हूल विद्रोह के नायक सिद्धू-कान्हू की प्रतिमाओं को खंडित कर दिया. इन घटनाओं को लेकर लोगों में आक्रोश है.

Friday सुबह शहर के संत कोलम्बस कॉलेज के सामने पार्क में लगी केबी सहाय की बड़ी प्रतिमा खंडित पाई गई. इसकी खबर फैलते ही बहुत सारे लोग पार्क पहुंचे और इस घटना का विरोध किया. इसके बाद दोपहर में 1856 के संथाल विद्रोह के नायकों सिद्धू-कान्हू की प्रतिमा के टूटने की खबर भी शहर में तेजी से फैली. लोगों ने इन घटनाओं को स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान बताया और इसे समाज के नैतिक मूल्यों पर हमला कहा. शहर में इन हरकतों के खिलाफ गुस्सा और आक्रोश का माहौल है.

सिद्धू-कान्हू 1855-56 में संथाल हूल विद्रोह के अगुआ थे. उन्होंने ब्रिटिश हुकूमत और जमींदारों के अत्याचार के खिलाफ जनजातीय समाज को एकजुट कर क्रांति का बिगुल फूंका और लड़ते हुए शहीद हुए थे. शहर में जिस स्थान पर उनकी प्रतिमाएं लगाई गई हैं, उसे सिद्धू-कान्हू चौक के नाम से जाना जाता है. वहीं, केबी सहाय 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में बिहार के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों में शामिल थे. स्वतंत्रता के बाद वे अविभाजित बिहार के Chief Minister बने. उनके कार्यकाल में बिहार में जमींदारी प्रथा का उन्मूलन हुआ और बरौनी रिफाइनरी, बोकारो स्टील प्लांट जैसे औद्योगिक प्रतिष्ठान स्थापित हुए. इसके अलावा, उन्होंने तिलैया में सैनिक स्कूल और हजारीबाग में महिला कॉलेज की स्थापना में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया.

प्रतिमाओं की तोड़फोड़ की घटना पर हजारीबाग के सांसद मनीष जायसवाल ने तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि ऐसे महामानवों की प्रतिमाओं को खंडित करना बेहद निंदनीय कृत्य है और इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सांसद ने हजारीबाग जिला प्रशासन से दोषियों की जल्द गिरफ्तारी कर उनके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने और कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की. साथ ही, उन्होंने दोनों महापुरुषों की प्रतिमाओं को तत्काल पुनः स्थापित करने की अपील की है.

फिलहाल, प्रशासन जांच में जुटा है और प्रतिमाओं को खंडित करने वालों की तलाश की जा रही है.

एसएनसी/पीएसके