नई दिल्ली, 31 मई . केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने शनिवार को कहा कि राज्यों को आयुष्मान भारत जैसी प्रमुख सरकारी योजनाओं को हर जिले और मंडल तक 100 प्रतिशत पहुंच सुनिश्चित करनी चाहिए.
जितेंद्र सिंह ने अधिकारियों से आग्रह किया कि किसी भी लाभार्थी को अपंजीकृत न छोड़ा जाए.
उन्होंने कहा, “प्रत्येक नागरिक को मोदी सरकार की परिवर्तनकारी योजनाओं का प्रभाव महसूस करना चाहिए.”
उधमपुर-कठुआ-डोडा लोकसभा क्षेत्र के सांसद जितेंद्र सिंह मोदी सरकार के 11 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में एक माह तक चलने वाली गतिविधियों की श्रृंखला को अंतिम रूप देने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से निर्वाचन क्षेत्र स्तरीय बैठक में बोल रहे थे.
उन्होंने मोदी सरकार के 11 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में एक महीने तक चलने वाले समारोहों का विस्तृत कार्यक्रम प्रस्तुत किया.
नियोजित गतिविधियों में सार्वजनिक प्रदर्शनियां, मीडिया से बातचीत, बैठकें और व्यापक सार्वजनिक सहभागिता और जागरूकता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से समन्वित जमीनी स्तर के प्रयास शामिल हैं.
उन्होंने विज्ञान आधारित कृषि में हाल की प्रगति पर भी प्रकाश डाला तथा क्षेत्र की कृषि-अर्थव्यवस्था को नया स्वरूप देने वाली परिवर्तनकारी पहलों की श्रृंखला का प्रदर्शन किया.
जितेंद्र सिंह ने फसलों की शेल्फ लाइफ और उत्पादकता बढ़ाने के लिए परमाणु ऊर्जा विभाग और डीबीटी द्वारा एक महत्वपूर्ण परियोजना पर भी प्रकाश डाला, जिससे अब जम्मू में आम के साथ-साथ कश्मीरी सेब भी उगाए जा सकेंगे. वह 1 जून को भद्रवाह में दो दिवसीय लैवेंडर महोत्सव का शुभारंभ करने वाले हैं.
इसके अलावा एक प्रमुख नीति घोषणा में जितेंद्र सिंह ने औषधीय और कैंसर दवाओं के निर्माण के लिए आईआईआईएम जम्मू और निजी भागीदारों के सहयोग से आगामी भांग की खेती की पहल का खुलासा किया. उन्होंने रोजगार और आय पैदा करने के लिए स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के सशक्तीकरण का भी उल्लेख किया.
उन्होंने 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस से पहले ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान को व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार करने का निर्देश दिया. साथ ही नागरिकों को अधिक समर्पण और उत्साह के साथ इसमें भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया.
उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (21 जून) पर भव्य समारोह आयोजित करने की भी वकालत की. विशेष रूप से प्रमुख पर्यटन स्थलों पर, ताकि स्वास्थ्य और जागरूकता के क्षेत्र में भारत के वैश्विक नेतृत्व को उजागर किया जा सके.
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एकेएस/एकेजे