मुरादाबाद, 22 नवंबर . उत्तर प्रदेश में नौ सीटों पर हुए उपचुनाव को लेकर सियासी बयाबाजी शुरू हो गई है. सपा के वरिष्ठ नेता एसटी हसन ने पुलिस प्रशासन पर चुनाव को प्रभावित करने का आरोप लगाया है.
उन्होंने कहा कि आपने इतिहास में ऐसा चुनाव कभी नहीं देखा होगा. पुलिस सौ मीटर दूर बैरिकेडिंग लगाकर या खुद खड़े होकर मतदाताओं की वोटर कार्ड चेक कर रही थी. चुनाव आते जाते रहते है, चुनावी हार जीत लगी रहती है लेकिन लोगों को डरा धमकाकर वोट लेना कोई इज्जत की बात नहीं है. जिस तरह से मोहल्लों के अंदर पुलिस ने लोगों को तंग किया. पुलिस को न तो वोटर कार्ड देखने का हक था और न ही लोगों से पूछताछ करने का हक था. बुर्का पहनने वाली महिलाओं से भी पूछताछ की गई. सीसामऊ में तो सीधे तौर पर समुदाय विशेष को वोट डालने से रोका गया.
उन्होंने आगे कहा कि मैं मानता हूं कि उपचुनाव सत्ता का चुनाव होता है लेकिन आज तक मैनें ऐसा कभी चुनाव नहीं देखा. तीन-तीन बसों में घूम रहे लोगों ने फर्जी वोटिंग की. चुनाव तो एक दिखावा था और यह हकीकत है कि इन जगहों पर दोबारा चुनाव होना चाहिए. अर्धसैनिक बलों की देखरेख में चुनाव की हम मांग करते है.
वहीं समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि लोकतंत्र को सबसे खराब स्तर पर भाजपा ने पहुंचा दिया है. भाजपा को पता था कि वो उपचुनाव हार रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी की घबराहट यह है कि वो 9 की 9 सीटें हार रही है. उसी का परिणाम है कि उन्होंने वोट को लूटा, दबाव बनाया और प्रशासन को लगा दिया. सबसे ज्यादा अधर्मी अगर कोई है तो वो भारतीय जनता पार्टी है.
उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि चुनावी परिणाम के दिन तस्वीर साफ हो जाएगी. हम यूपी में 9 विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में बड़ी जीत हासिल करेंगे. जब समाजवादी पार्टी जीतती है तो सब कुछ अच्छा मानते हैं, लेकिन जब हार का सामना करना पड़ता है तो बहाने बनाने लगते हैं. जनता ने उन्हें नकार दिया है.
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एकेएस/केआर