श्रीलंका के 24 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की भारत यात्रा, द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने पर जोर

New Delhi, 16 जुलाई . श्रीलंका के 24 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने Wednesday को New Delhi में भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री से मुलाकात की. इस दौरान दोनों देशों के बीच मजबूत होते रिश्तों पर चर्चा हुई.

श्रीलंका के 14 राजनीतिक दलों के 24 नेताओं का प्रतिनिधिमंडल Wednesday को दो हफ्ते की भारत यात्रा पर आया.

बैठक में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि दोनों देशों के रिश्तों को मजबूत करने और भविष्य की दिशा तय करने में युवा नेताओं की अहम भूमिका है.

विदेश मंत्रालय ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में बताया कि श्रीलंका के 14 राजनीतिक दलों के 24 युवा नेताओं का प्रतिनिधिमंडल भारत दौरे की शुरुआत करते हुए विदेश सचिव विक्रम मिस्री से मिला.

मंत्रालय ने कहा कि विदेश सचिव ने भारत-श्रीलंका साझेदारी को मजबूत करने में युवा नेताओं की अहम भूमिका पर जोर दिया.

बैठक में क्षेत्रीय भू-राजनीतिक हालात और भारत-श्रीलंका के बीच हुए सुरक्षा समझौतों पर भी चर्चा हुई.

पिछले हफ्ते, श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त संतोष झा ने भारत यात्रा पर आने से पहले 14 दलों के 24 नेताओं के श्रीलंकाई प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की. उन्होंने दोनों देशों के बेहतर भविष्य के लिए रिश्तों को मजबूत करने और सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की.

प्रतिनिधिमंडल में उपसभापति रिजवी सालेह, अलग-अलग दलों के 20 सांसद, महासचिव और श्रीलंकाई संसद के चार वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं.

भारत और श्रीलंका के बीच 2,500 साल से भी पुराना रिश्ता है, जिसमें मजबूत सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध शामिल हैं.

भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति और समुद्री क्षेत्र में सुरक्षा और विकास के लिए साझेदारी की सोच में श्रीलंका का अहम स्थान है.

इससे पहले अप्रैल में Prime Minister Narendra Modi ने श्रीलंका का दौरा किया था और वहां के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायका के साथ महत्वपूर्ण बैठक की थी.

सितंबर 2024 में राष्ट्रपति दिसानायका के पद संभालने के बाद Prime Minister मोदी द्वीपीय राष्ट्र की राजकीय यात्रा करने वाले पहले विदेशी नेता बने हैं.

बैठक में दोनों नेताओं ने खास और घनिष्ठ द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर चर्चा की. उन्होंने इस पर विस्तार से बात की कि यह रिश्ता साझा इतिहास और लोगों के बीच मजबूत जुड़ाव से बनता है.

Prime Minister मोदी ने क्षमता बढ़ाने और आर्थिक मदद के लिए हर साल 700 श्रीलंकाई नागरिकों को प्रशिक्षण देने वाला एक बड़ा कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा की. इसके साथ ही, उन्होंने ऋण पुनर्गठन के लिए द्विपक्षीय समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए.

Prime Minister ने भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति और समुद्री क्षेत्र में श्रीलंका के महत्व को दोहराया. उन्होंने श्रीलंका के आर्थिक सुधार और स्थिरता में मदद के लिए New Delhi की लगातार प्रतिबद्धता जताई.

दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध मजबूत और विविध हैं, जो आज के समय की सभी महत्वपूर्ण बातों को कवर करते हैं.

दोनों देशों की साझा सांस्कृतिक और सामाजिक विरासत, साथ ही उनके लोगों के बीच अच्छे संबंध, मजबूत साझेदारी बनाने की नींव हैं.

एसएचके/एएस