श्रीलंकाई नौसेना ने तमिलनाडु के 5 मछुआरों को किया गिरफ्तार

चेन्नई, 29 जुलाई . रामेश्वरम के पांच तमिल मछुआरों को श्रीलंकाई नौसेना ने Tuesday तड़के कच्छतीवू (नेदुंथीवु) द्वीप के पास गिरफ्तार कर लिया. उन पर अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) पार कर श्रीलंकाई जल सीमा में अवैध रूप से मछली पकड़ने का आरोप है.

स्थानीय मछुआरा संघ के अनुसार, ये मछुआरे Monday रात एक नाव से समुद्र में उतरे थे और कच्छतीवू के पास मछली पकड़ रहे थे. तभी श्रीलंकाई नौसेना की गश्ती टीम ने उन्हें घेर कर गिरफ्तार कर लिया. नौसेना ने उनकी नाव को भी जब्त कर लिया है.

सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार किए गए मछुआरों को श्रीलंका के कंकेसनथुरई या तलाईमन्नार ले जाया जा सकता है, जहां उन्हें स्थानीय अधिकारियों को सौंपा जाएगा और कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

यह घटना हाल के दिनों में ऐसी कई घटनाओं में से एक है, जिसमें तमिलनाडु के मछुआरों को श्रीलंकाई जल सीमा में मछली पकड़ने के आरोप में पकड़ा गया है.

जुलाई के मध्य में भी रामेश्वरम के सात मछुआरों को इसी तरह गिरफ्तार किया गया था. उन्हें ववुनिया की अदालत में न्यायिक हिरासत में भेजा गया और उनकी नाव भी जब्त की गई थी.

इससे पहले फरवरी में एक ही अभियान में श्रीलंकाई नौसेना ने 32 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया था और पांच नावें भी जब्त की थीं.

लगातार हो रही इस तरह की गिरफ्तारियों से रामेश्वरम के मछुआरों में डर और चिंता का माहौल है. मछुआरों का कहना है कि समुद्र ही उनकी आजीविका का एकमात्र जरिया है और जब भी किसी को गिरफ्तार किया जाता है, तो अन्य मछुआरों के मन में भय उत्पन्न हो जाता है.

मछुआरा संघों ने बार-बार India Government और तमिलनाडु Government से अपील की है कि वे श्रीलंका से इस मुद्दे पर बातचीत करें और इस समस्या का स्थायी समाधान निकालें. उन्होंने यह भी मांग की है कि जब्त की गई नावों को वापस लाया जाए, क्योंकि ये नावें उनकी आजीविका का बड़ा स्रोत हैं.

तमिलनाडु के Chief Minister एम. के. स्टालिन पहले भी इस मुद्दे पर केंद्रीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर को पत्र लिख चुके हैं. उन्होंने मछुआरों की रिहाई के लिए मजबूत कूटनीतिक हस्तक्षेप की मांग की थी और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए उपाय करने की अपील की थी.

वीकेयू/केआर