चेन्नई, 12 नवंबर . श्रीलंकाई नौसेना ने ‘अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा’ (आईएमबीएल) पार करने के आरोप में तमिलनाडु के 12 मछुआरों को परुथुराई के पास गिरफ्तार किया है.
तमिलनाडु के तटीय पुलिस अधिकारियों ने बताया कि उन्हें मंगलवार की सुबह गिरफ्तार किया गया.
यह गिरफ्तारी श्रीलंका के नए राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के सार्वजनिक बयान के कुछ समय बाद हुई है.
दिसानायके ने भारतीय मछुआरों द्वारा कथित तौर पर द्वीप राष्ट्र के जलक्षेत्र में अवैध रूप से मछली पकड़कर श्रीलंका के समुद्री संसाधनों को नष्ट करने के बारे में चिंता व्यक्त की थी.
राष्ट्रपति ने इस तरह की घुसपैठ के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही है.
इस घटना से दो दिन पहले, श्रीलंकाई नौसेना ने रामेश्वरम से 23 तमिल मछुआरों को हिरासत में लिया था और तीन मोटर नावों को जब्त कर लिया था.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने इससे पहले 23 अक्टूबर को केंद्र सरकार को पत्र लिखकर तमिल मछुआरों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए हस्तक्षेप करने की अपील की थी.
सीएम स्टालिन के मुताबिक 128 तमिल मछुआरे वर्तमान में श्रीलंका में न्यायिक हिरासत में हैं और 199 मछली पकड़ने वाली मोटर नावों को जब्त कर लिया गया है.
पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री अंबुमणि रामदास ने भी केंद्रीय विदेश मंत्री (ईएएम) एस जयशंकर से श्रीलंकाई नौसेना द्वारा तमिल मछुआरों की लगातार बीच समुद्र में की जा रही गिरफ्तारियों पर ध्यान देने की अपील की.
हाल ही में श्रीलंका की यात्रा के दौरान, विदेश मंत्री जयशंकर ने श्रीलंका सरकार के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की और आगे की गिरफ्तारियों और नावों की जब्ती को रोकने के उपायों की वकालत की.
इन बार-बार की गिरफ्तारियों के जवाब में, तमिलनाडु भर में मछुआरा संघ के नेता बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
तमिलनाडु मीनावर पेरावई के महासचिव थजुधिन ने कहा कि तटीय जिलों में मछुआरा संघ इन लगातार हिरासतों के खिलाफ एकजुट रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘हमारे मछुआरों की आजीविका खतरे में है. मछली पकड़ने और उससे जुड़ी गतिविधियों पर निर्भर रहने वाले हजारों लोग गंभीर कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं. मछुआरों और उनके परिवारों में समुद्र में जाने को लेकर डर की भावना घर कर गई है.’
थजुधिन ने आगे कहा कि नई श्रीलंका सरकार तमिल मछुआरों से जब्त की गई मछली पकड़ने वाली मोटर नावों का राष्ट्रीयकरण करने जा रही है. उन्होंने चेतावनी दी कि यह कार्रवाई मछली पकड़ने के उद्योग को तबाह कर सकती है, क्योंकि कई मछुआरों ने इन महंगी नावों को खरीदने के लिए कर्ज लिया था, वे अपनी मछली पकड़ने की आय से इस चुका रहे हैं.
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एससीएच/एमके