नई दिल्ली, 29 दिसंबर . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को स्वास्थ्य और फिटनेस के क्षेत्र में भारत की प्रगति पर गर्व जताया. उन्होंने कई सरकारी योजनाओं और खेल-कूद को बढ़ावा देने वाले अभियानों का उल्लेख किया.
अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 117वें एपिसोड में पीएम मोदी ने कहा, “इस सर्दी के मौसम में पूरे देश में खेल और फिटनेस से जुड़ी कई गतिविधियां हो रही हैं. मुझे खुशी है कि लोग अपनी दिनचर्या में फिटनेस को शामिल कर रहे हैं.”
उन्होंने देश में खेलों के प्रति बढ़ते उत्साह की चर्चा करते हुए कश्मीर में स्कीइंग और गुजरात में पतंगबाजी जैसे उदाहरण दिए. साथ ही, ‘संडे ऑन साइकिल’ और ‘साइकिलिंग ट्यूजडे’ जैसे अभियानों की तारीफ की, जो साइकिलिंग को फिटनेस का हिस्सा बनाने के लिए लोगों को प्रेरित कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने बस्तर ओलंपिक का उल्लेख करते हुए इसे छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में एक नई क्रांति बताया. यह इलाका पहले माओवाद से प्रभावित था, लेकिन अब खेलों के माध्यम से एक नई ऊर्जा पा रहा है.
उन्होंने कहा, “बस्तर ओलंपिक के जरिए बस्तर में एक नई क्रांति जन्म ले रही है. यह मेरे लिए बहुत खुशी की बात है कि यह सपना साकार हुआ. बस्तर ओलंपिक का शुभंकर ‘जंगली भैंसा’ और ‘पहाड़ी मैना’ बस्तर की समृद्ध संस्कृति को दर्शाते हैं. इस महाकुंभ का मंत्र है ‘करसे ता बस्तर, बरसे ता बस्तर,’ यानी बस्तर खेलेगा, बस्तर जीतेगा.”
पीएम मोदी ने बताया कि इस आयोजन में सात जिलों से 1.65 लाख खिलाड़ियों ने भाग लिया. उन्होंने इसे युवाओं के संकल्प और सफलता की प्रेरक कहानी बताया.
बस्तर ओलंपिक में एथलेटिक्स, तीरंदाजी, बैडमिंटन, फुटबॉल, हॉकी, वेटलिफ्टिंग, कराटे, कबड्डी, खो-खो और वॉलीबॉल जैसे खेल शामिल थे, जिनमें युवाओं ने अपना हुनर दिखाया.
उन्होंने बस्तर ओलंपिक के प्रेरणादायक प्रतिभागियों की कहानियां भी साझा की. जैसे – तीरंदाजी में सिल्वर मेडल विजेता करी कश्यप, जेवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल विजेता पायल कवासी, और सुकमा के व्हीलचेयर रेसर पूनम सन्ना, जिन्होंने नक्सल प्रभाव से बाहर निकलकर मेडल जीते. इसके अलावा कोडागांव की तीरंदाज रंजू सोरी को ‘बस्तर यूथ आइकन’ के रूप में चुना गया.
पीएम मोदी ने कहा, “बस्तर ओलंपिक सिर्फ एक खेल आयोजन नहीं है. यह विकास और खेलों का संगम है, जहां हमारे युवा अपना टैलेंट निखार रहे हैं और नए भारत का निर्माण कर रहे हैं. मैं आप सभी से अपील करता हूं कि अपने क्षेत्र में ऐसे खेल आयोजनों को प्रोत्साहित करें. ‘खेलेगा भारत, जीतेगा भारत’ का संदेश दें और युवाओं को आगे बढ़ने का मौका दें.”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वास्थ्य क्षेत्र में भारत की दो प्रमुख उपलब्धियों पर जोर दिया, जो पूरी दुनिया का ध्यान खींच रही हैं.
उन्होंने कहा, “ये दोनों उपलब्धियां स्वास्थ्य के क्षेत्र में मिली हैं. पहली है मलेरिया के खिलाफ हमारी लड़ाई, जो इंसानियत के लिए 4000 साल से एक बड़ी चुनौती रही है. आजादी के समय मलेरिया हमारे लिए सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं में से एक था. यह उन बीमारियों में तीसरे स्थान पर था जो एक महीने से पांच साल तक के बच्चों की जान लेती थी. लेकिन आज मैं गर्व से कह सकता हूं कि भारत ने इस चुनौती को सामूहिक रूप से और मजबूती से हराया है.”
विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “2015 से 2023 के बीच भारत में मलेरिया के मामलों और मौतों में 80% की कमी आई है. यह बड़ी उपलब्धि सबके योगदान का नतीजा है. देश के हर कोने से लोगों ने इसमें भाग लिया.”
उन्होंने बताया कि कैसे असम के जोरहाट में चाय बागान के मजदूरों ने तकनीक और सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर मलेरिया से लड़ाई लड़ी. हरियाणा के कुरुक्षेत्र में सड़क नाटक और रेडियो संदेशों के माध्यम से मच्छरों के पनपने से बचने की जानकारी दी गई.
प्रधानमंत्री मोदी ने कैंसर के इलाज में हुई प्रगति का भी जिक्र किया. उन्होंने मेडिकल जर्नल द लांसेट की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, “भारत में कैंसर का समय पर इलाज शुरू होने की संभावना काफी बढ़ गई है. आयुष्मान भारत योजना की मदद से 90% कैंसर मरीज समय पर इलाज शुरू कर पा रहे हैं.”
उन्होंने बताया कि पहले गरीब मरीज आर्थिक कठिनाइयों के कारण कैंसर की जांच और इलाज कराने से बचते थे. लेकिन अब आयुष्मान भारत योजना उनके लिए सहारा बन गई है, जिसने कैंसर के इलाज में वित्तीय बाधाओं को कम किया है और लोगों को समय पर इलाज के लिए प्रोत्साहित किया है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “कैंसर से लड़ने का केवल एक मंत्र है – जागरूकता, कार्रवाई, और विश्वास. जागरूकता का मतलब है कैंसर और उसके लक्षणों को समझना. कार्रवाई का मतलब है समय पर जांच और इलाज, और विश्वास का मतलब है यह भरोसा कि मरीजों के लिए हर संभव मदद उपलब्ध है.”
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