New Delhi, 7 अक्टूबर . कार्तिक मास की द्वितीया तिथि Wednesday को है, जो भगवान गणेश और बुध को समर्पित है. इस दिन विधि-विधान से पूजा करने से बुद्धि, ज्ञान, और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है और बुध ग्रह से संबंधित दोष दूर होते हैं.
द्रिक पंचांग के अनुसार, Wednesday के दिन सूर्य कन्या राशि में और चंद्रमा मेष राशि में रहेंगे. अभिजीत मुहूर्त नहीं है और राहुकाल का समय दोपहर के 12 बजकर 8 मिनट से शुरू होकर 1 बजकर 36 मिनट तक रहेगा.
स्कंद पुराण के अनुसार, Wednesday को भगवान गणेश की पूजा और व्रत से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं.
Wednesday के व्रत की शुरुआत ब्रह्म मुहूर्त में नित्यकर्म- स्नान आदि करने के बाद पूजा स्थल को साफ कर एक चौकी पर कपड़ा बिछाएं और पूजन सामग्री रखें. ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) की ओर मुख करके बैठें. भगवान गणेश को पंचामृत (जल, दूध, दही, शहद, घी) और जल से स्नान कराएं. फिर सिंदूर और घी का लेप लगाएं. जनेऊ, रोली, दूर्वा और पीले-लाल फूल अर्पित करें. बुध देव को हरे वस्त्र और दाल चढ़ाएं. लड्डू, हलवा या मीठा भोग लगाकर गणेश और बुध देव के मंत्रों का जाप करें. व्रत कथा सुनें और आरती करें. 12 व्रतों के बाद उद्यापन करें.
इसी के साथ ही कार्तिक मास की शुरुआत भी हो चुकी है. इस मास में भगवान विष्णु लंबे विश्राम के बाद जागते हैं. भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की पूजा से संकट दूर होते हैं और सुख-समृद्धि बढ़ती है. पूरे महीने सूर्योदय से पहले नदी में स्नान या घर में गंगाजल मिलाकर स्नान करना पुण्यदायी माना जाता है, जिसे कार्तिक स्नान कहते हैं. साथ ही भजन-कीर्तन, दीपदान और तुलसी पूजा करना भी शुभदायी होता है.
कार्तिक मास में श्रीहरि और माता लक्ष्मी की पूजा करना विशेष फलदायी माना जाता है. रोजाना तुलसी पूजा, सुबह-शाम घी का दीपक जलाना और गीता पाठ करना चाहिए.
कार्तिक मास में तामसिक भोजन, गलत शब्दों का प्रयोग और तन-मन की अशुद्धता से बचना चाहिए. पशु-पक्षियों को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए. यह मास भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने का विशेष अवसर है. इन कार्यों से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है.
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एनएस/एएस