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New Delhi, 7 सितंबर . आज पूरे India में खग्रास चंद्रग्रहण देखा जाएगा, जिसका असर धार्मिक गतिविधियों और मंदिरों की समय सारणी पर भी व्यापक रूप से पड़ रहा है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चंद्र ग्रहण के नौ घंटे पूर्व से सूतक काल शुरू हो जाता है, जिसके चलते देशभर के मंदिरों में विशेष व्यवस्थाएं की गईं.
वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर इस अवसर पर एक विशेष परंपरा निभाई गई. यहां की विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती, जो सामान्यतः संध्या समय होती है, उसे चंद्र ग्रहण और सूतक काल के कारण दिन में संपन्न कराया गया. गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा ने बताया कि संध्या की गंगा आरती दिन में आयोजित की गई. यह आयोजन रात की तरह ही पूरे विधि-विधान और भव्यता के साथ किया गया.
उन्होंने बताया कि चंद्र ग्रहण के कारण संध्या आरती का समय बदला गया और सूतक काल से पूर्व ही आरती पूर्ण कर ली गई.
Patna के कंकड़बाग स्थित शिव मंदिर के पुजारी संतोष पाठक ने इसे ‘संकट का ग्रहण’ बताते हुए कहा कि इसका प्रभाव राशियों के अनुसार विभिन्न रूपों में पड़ेगा. चंद्र ग्रहण रात 9:57 बजे से 1:27 बजे तक रहेगा. सूतक काल दोपहर में ही शुरू हो गया, जिससे मंदिरों के पट बंद कर दिए गए हैं.
पुजारी ने बताया कि सूतक काल में खाना बनाना और खाना वर्जित है. विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं को सतर्क रहने की सलाह दी गई है. उन्होंने कहा कि इस समय मंत्रों का जाप विशेष फलदायी होता है.
Mumbai के प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर में भी व्यवस्था में बदलाव किया गया. मंदिर के पुजारी संतोष लेले ने बताया कि श्रद्धालुओं के लिए दर्शन खुले रहेंगे, लेकिन मंदिर में फूल, प्रसाद और चढ़ावा अर्पित करने पर रोक रहेगी. गर्भवती महिलाओं के लिए नियमों में कुछ ढील है. वे 5:15 बजे के बाद नियमों का पालन शुरू कर सकती हैं, जैसे भोजन, विश्राम आदि. अन्य श्रद्धालुओं को पूरे नियमों का पालन करने की सलाह दी गई है.
पुजारी ने बताया कि इस दौरान मंत्रोच्चार करने से मानसिक शांति और आध्यात्मिक लाभ मिलता है.
खग्रास चंद्रग्रहण के कारण शिरडी स्थित साई समाधि मंदिर की दिनचर्या में भी बदलाव किया गया है. श्री साईबाबा संस्थान के सीईओ गोरक्ष गाडिलकर ने बताया कि मंदिर की आरती और पट बंद करने का समय बदल दिया गया है ताकि सूतक काल के नियमों का पालन किया जा सके.
धार्मिक दृष्टिकोण से यह काल विशेष तप, जप और साधना के लिए उपयुक्त माना गया है. यही कारण है कि India में ग्रहण काल के दौरान विशेष नियमों का पालन किया जाता है.
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पीके/एबीएम