जम्मू, 6 जनवरी . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जम्मू के नए रेलवे डिवीजन और तेलंगाना में स्थित चरलापल्ली न्यू टर्मिनल स्टेशन का उद्घाटन किया. इस मौके पर पीएम मोदी ने ईस्ट कोस्ट रेलवे के रायगढ़ रेलवे डिवीजन भवन की आधारशिला भी रखी. जम्मू में इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और प्रदेश के राज्यपाल मनोज सिन्हा ने हिस्सा लिया. इस कार्यक्रम में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है और इसका महत्व इस कारण भी है कि एक ही समय में जम्मू-कश्मीर और भारतीय रेलवे दोनों के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है.
जितेंद्र सिंह ने कहा, “आज का दिन ऐतिहासिक है, और इसका महत्व इस कारण भी है कि एक ही समय में जम्मू-कश्मीर और भारतीय रेलवे दोनों के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है. इस नए अध्याय के पहले पन्ने की रचना हम सबके लिए सौभाग्य का कारण बनेगी. शायद कभी यह सवाल भी मन में आएगा कि रेलवे के पिछले विकास और नए विकास में इतना अंतर क्यों रहा. यह मध्यांतर इतना लंबा क्यों खींचा गया? जो पुराने लोग यहां बैठे हैं, उन्हें याद होगा कि आज से लगभग 53 साल पहले, 1972 में, इसी स्थान पर पहली बार रेलगाड़ी का आगमन हुआ था. इसके बाद पचास साल का लंबा अंतराल आया.”
उन्होंने कहा, ” सरकारें बदलती गईं, लेकिन यह सवाल उठता है कि क्या उनकी प्राथमिकताएं अलग थीं, या फिर यह इच्छा शक्ति का अभाव था कि इस क्षेत्र का विकास हो? या फिर कुछ ऐसे तत्व थे जो नहीं चाहते थे कि कश्मीर घाटी को भारत के बाकी हिस्सों से रेल के जरिए जोड़ा जाए? शायद यह भी किसी कारण से था कि हमें प्रधानमंत्री मोदी के शासन काल तक इंतजार करना पड़ा. यह सवाल मैंने 2014 में भी उठाया था, जब प्रधानमंत्री मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद पहला सार्वजनिक कार्यक्रम कटरा में वैष्णो देवी के रेलवे स्टेशन का उद्घाटन था.”
उन्होंने आगे कहा, “मैंने उस समय भी यह कहा था कि कटरा का रेलवे स्टेशन एक साल पहले तैयार था, लेकिन उद्घाटन के लिए कई बार तारीखें तय की गईं, फिर कई व्यस्तता आई, फिर चुनाव हो गए और सरकार बदल गई. हालांकि, एक दिन यह कार्य संपन्न हुआ और हम सबने यह अनुभव किया कि कटरा के रेलवे स्टेशन का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी के लिए था. यह भी सच है कि जब प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 में शपथ ली थी, उस समय तक जम्मू-कश्मीर में रेलवे का काम लगभग थम चुका था. प्रधानमंत्री बनने के बाद, सुरेश प्रभु ने इस प्रोजेक्ट को गति दी और फिर हम सबने देखा कि विश्व का सबसे ऊंचा रेलवे पुल हमारे क्षेत्र में बन रहा था. यह पुल अब तैयार हो चुका है और यह एक गौरव का पल है. पिछले 10 वर्षों में देशभर में रेलवे का विस्तार बहुत तेज़ी से हुआ है. जम्मू-कश्मीर में भी यह परिवर्तन देखा गया.”
उन्होंने कहा, “सिर्फ रेलवे ट्रैक नहीं, बल्कि उनकी इलेक्ट्रिफिकेशन भी हुए हैं. आज पूरे भारत में 61,000 किलोमीटर से ज्यादा रेलवे ट्रैक इलेक्ट्रिफाइड हो चुके हैं. पहले जहां मेट्रो रेल की लंबाई सिर्फ 148 किलोमीटर थी, अब वह पांच गुना से ज्यादा बढ़कर 1000 किलोमीटर से ज्यादा हो चुकी है. पूर्वोत्तर क्षेत्र, जहां कभी रेलगाड़ी नहीं जाती थी, अब वहां डबल ट्रैक और रेलवे स्टेशन तैयार हैं. अब यह देखना होगा कि जम्मू-कश्मीर में भी रेल सेवा से व्यापार, उद्योग और रोजगार के नए अवसर बढ़ेंगे. साथ ही, यह विकास स्थानीय लोगों के लिए भी लाभकारी साबित होगा. उधमपुर का रेलवे स्टेशन देश का पहला रेलवे स्टेशन है, जो एक शहीद फौजी अधिकारी के नाम पर रखा गया है.”
उन्होंने आगे कहा, “कटरा से श्रीनगर के बीच आने वाली पहली रेलगाड़ी, जम्मू और कश्मीर के विकास के नए अध्याय की शुरुआत करेगी. यह दिन हमारे लिए एक उत्सव का कारण बनेगा और हमें एकजुट होकर अपने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में काम करना होगा.”
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पीएसएम/जीकेटी