नई दिल्ली, 11 अक्टूबर . भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने शुक्रवार को से बातचीत के दौरान, दिल्ली सरकार द्वारा विधायकों के फंड में बढ़ोतरी, वन नेशन वन इलेक्शन, हरियाणा चुनाव के बाद कांग्रेस का ईवीएम पर आरोप लगाने जैसे मामलों पर अपनी प्रतिक्रिया दी.
दिल्ली सरकार घाटे में है और सरकार ने विधायकों का फंड बढ़ा दिया है. इस पर पलटवार करते हुए भाजपा सांसद ने कहा, यह लंबे अरसे के बाद हो रहा है जब दिल्ली के राजस्व में कमी आई है. स्वर्गीय मदनलाल जब दिल्ली के मुख्यमंत्री थे. तब से लेकर कभी भी राजस्व की कमी नहीं आई. लेकिन, इस बार जो राजस्व में कमी आई है, इसका एक मात्र कारण यह है कि जिस तरह से अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में मुफ्त की घोषनाएं दी, उन्हें इस बात की परवाह नहीं थी कि इसका राज्य के वित्त पर कितना बोझ पड़ेगा.
दिल्ली सरकार ने विधायकों का फंड 10 से बढ़ाकर 15 करोड़ रुपए प्रति वर्ष कर दिया है. पहले ही सरकार घाटे में है और ऐसे में विधायकों का फंड बढ़ाना एक साजिश के अलावा कुछ नहीं है. छह महीने के बाद विधानसभा के चुनाव हैं ऐसे में फंड की बढ़ोतरी का कोई मतलब नहीं रह जाता है.
केरल में वन नेशन वन इलेक्शन के खिलाफ प्रस्ताव पास किया गया है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा सांसद ने कहा, विपक्षी पार्टियों के पास विकास का कोई मॉडल नहीं है. इनका एक ही काम है, मोदी सरकार जो भी फैसले लें, उसके खिलाफ बोलना. वन नेशन वन इलेक्शन से भारी मात्रा में पैसे की बर्बादी रुकेगी. जो पैसा इलेक्शन से बचेगा, वह देश के विकास के लिए काम आएगा. चुनाव के दौरान हजारों करोड़ों रुपये खर्च होते हैं. विभिन्न दलों के प्रत्याशी भी भारी मात्रा में चुनाव के दौरान पैसे खर्च करते हैं. चुनाव की प्रक्रिया को अगर एक साथ कर दिया जाए तो पैसा भी एक बार खर्च होगा. उन्होंने कहा, विपक्ष को देश के विकास से कुछ भी लेना देना नहीं है.
हरियाणा चुनाव के परिणाम पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा सांसद ने कहा, हरियाणा की जनता ने एक सिरे से कांग्रेस पार्टी को नकार दिया है. कांग्रेस कोई भी कमेटी बना ले, उन्हें यह समझना होगा कि वह हरियाणा का चुनाव हार चुके हैं. अब अगर वह चुनाव के परिणाम के मुद्दे को उछालते हैं तो इससे कुछ भी हासिल होने वाला नहीं है.
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डीकेएम/एएस