देश के खिलाफ बोलना किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं : आनंद दुबे

मुंबई, 1 जून . शिवसेना (यूटीबी) के प्रवक्ता आनंद दुबे ने देश विरोधी बयानों को लेकर कड़ा रुख अपनाते हुए रविवार को कहा कि देश के खिलाफ बोलना किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर कोई ऐसे बयान देता है, तो उसे कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा, चाहे वह बाद में माफी ही क्यों न मांगे.

आनंद दुबे ने पश्चिम बंगाल की राजनीति पर टिप्पणी करते हुए कहा कि भाजपा लगातार ममता बनर्जी को घेरने की कोशिश करती है, लेकिन हर बार उसे हार का सामना करना पड़ता है. अब 2026 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर माहौल बनाया जा रहा है.

दुबे ने सवाल उठाया कि भाजपा नेताओं ने देवी-देवताओं का कितना सम्मान किया है, जबकि उनके ही कई नेता अपमानजनक बयान दे चुके हैं. उन्होंने कहा कि सम्मान दिल से होना चाहिए, न कि राजनीतिक स्वार्थ के लिए. शुभेंदु अधिकारी जैसे नेता चुनावी फायदे के लिए कुछ भी कह देते हैं, लेकिन यह उचित नहीं है. देवी-देवताओं का अपमान कहीं से भी स्वीकार्य नहीं है.

बिहार की राजनीति पर टिप्पणी करते हुए दुबे ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता तेज प्रताप यादव के हालिया बयान पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने अपने भाई तेजस्वी यादव और कुछ करीबी नेताओं पर इशारों-इशारों में सवाल उठाए थे. दुबे ने कहा, “तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव लालू प्रसाद यादव के बेटे हैं और दोनों ही आरजेडी के प्रमुख नेता हैं. परिवार में मतभेद होना सामान्य बात है, लेकिन ऐसे निजी मामलों को सार्वजनिक नहीं करना चाहिए.”

दुबे ने कहा कि यह संबंधित लोग ही जान सकते हैं कि कौन ‘जयचंद’ है. दोनों भाई आपसी बातचीत से मामले को सुलझाएं ताकि भाजपा को इसका राजनीतिक लाभ उठाने का मौका न मिले. भाजपा इस पारिवारिक मतभेद का राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर सकती है, इसलिए जरूरी है कि परिवार एकजुट रहे और महागठबंधन को कोई नुकसान न हो. परिवार और गठबंधन को मजबूत रखना जरूरी है.

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने की खबरों पर दुबे ने कहा कि संविधान सभी को कहीं से भी चुनाव लड़ने का अधिकार देता है. चाहे चिराग पासवान हों या कोई और, चुनाव लड़ना उनका अधिकार है. शिवसेना, कांग्रेस, भाजपा, आरजेडी, जेडीयू जैसे दल चुनाव में हिस्सा लेते हैं और लेना भी चाहिए. अंतिम फैसला जनता करती है. अगर चिराग पासवान चुनाव लड़ना चाहते हैं तो उन्हें अवश्य लड़ना चाहिए, इसमें किसी को कोई आपत्ति नहीं होगी.

एकेएस/एकेजे