सपा सांसदों ने बी. सुदर्शन रेड्डी का किया समर्थन, बोले- ‘संवैधानिक पद की बढ़ेगी गरिमा’

Lucknow, 26 अगस्त . India के उपPresident पद के लिए इंडिया अलायंस के प्रत्याशी बी. सुदर्शन रेड्डी Tuesday को उत्तर प्रदेश की राजधानी Lucknow पहुंचे. यहां उन्होंने Samajwadi Party (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अजय राय से मुलाकात की. इस मुलाकात का उद्देश्य उपPresident चुनाव के लिए समर्थन जुटाना और गठबंधन की रणनीति को मजबूत करना था.

बी. सुदर्शन रेड्डी ने सपा कार्यालय में अखिलेश यादव के साथ लंबी चर्चा की, जिसमें गठबंधन की एकजुटता और चुनावी रणनीति पर विचार-विमर्श हुआ. इस दौरान सपा के कई वरिष्ठ नेता और सांसद मौजूद रहे.

सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा, “बी. सुदर्शन रेड्डी एक अच्छे व्यक्ति हैं. उनकी कानूनी पृष्ठभूमि और संवैधानिक समझ देश की वर्तमान जरूरतों के लिए उपयुक्त है. हमें विश्वास है कि वह इस पद पर पहुंचकर देश की सेवा करेंगे.”

सपा सांसद इकरा हसन ने इंडिया अलायंस की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा, “हमारा गठबंधन पूरे समर्थन के साथ सुदर्शन रेड्डी की जीत सुनिश्चित करेगा. उनकी जीत संवैधानिक मूल्यों को मजबूती प्रदान करेगी.”

वहीं, सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा, “सुदर्शन रेड्डी ने हमसे मुलाकात कर गठबंधन के नेताओं का उत्साह बढ़ाया है. हमारा गठबंधन उनकी जीत के लिए एकजुट है और पूरी ताकत से इस चुनाव में उतरेगा.”

सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने जोर देकर कहा कि उनका गैर-Political होना सबसे बड़ी ताकत है. उन्होंने कहा, “हमारा उम्मीदवार गैर-Political पृष्ठभूमि से आता है, जिससे उपPresident जैसे संवैधानिक पद की गरिमा बढ़ेगी. उनका इस पद पर पहुंचना संविधान को और मजबूत करेगा.”

सपा सांसद पुष्पेंद्र सरोज ने भी इंडिया गठबंधन की एकजुटता पर जोर देते हुए कहा, “हम सभी उनके साथ खड़े हैं और उनकी जीत के लिए हर संभव प्रयास करेंगे. रेड्डी की कानूनी विशेषज्ञता और निष्पक्ष छवि उन्हें उपPresident पद के लिए एक मजबूत दावेदार बनाती है. उपPresident चुनाव में उनकी जीत सुनिश्चित करने के लिए हम हर संभव मदद करेंगे.”

सपा सांसद अफजाल अंसारी ने सत्ताधारी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा, “इस चुनाव में हमारा गठबंधन पूरी तरह एकजुट है. सत्ताधारी पार्टी के नेता अब परेशान हैं, क्योंकि हमारा उम्मीदवार न केवल योग्य है, बल्कि देश की जनता के बीच भी उनकी स्वीकार्यता है.”

एकेएस/एबीएम