सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने वक्फ संशोधन विधेयक, नमाज विवाद पर विरोध-प्रदर्शन का किया समर्थन

नई दिल्ली, 28 मार्च . उत्तर प्रदेश के संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने वक्फ संशोधन विधेयक के विरोध में मुस्लिमों की प्रमुख संस्था ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा रमजान के आखिरी जुमे की नमाज में काली पट्टी बांधने की अपील पर प्रतिक्रिया दी. बर्क ने कहा कि वह पहले से ही वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ हैं और सदन से लेकर सड़क तक इसका विरोध कर रहे हैं.

बर्क ने से बात करते हुए कहा कि यदि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने काली पट्टी बांधने की अपील की है, तो यह उनका संवैधानिक अधिकार है, और उन्हें विरोध-प्रदर्शन करने का हक है. बर्क ने इस मांग का समर्थन करते हुए कहा कि मुस्लिम समुदाय को किसी भी मुद्दे पर अपना विरोध दर्ज कराने का पूरा अधिकार है, और इस तरह के प्रदर्शन उनकी हक की लड़ाई का हिस्सा हैं.

नमाज के विवाद पर बर्क ने स्पष्ट किया कि लंबे समय से मुसलमानों की नमाज सड़क पर अदा नहीं की जाती है. उन्होंने कहा कि अगर कभी नमाज सड़क पर अदा करनी पड़ी, तो इसका उद्देश्य किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना या किसी को परेशानी में डालना नहीं था. उनका कहना था कि जुम्मे के दिन मस्जिद में पर्याप्त जगह नहीं होने के कारण मजबूरी में सड़क पर नमाज अदा करनी पड़ती थी. हालांकि, यदि सरकार इस पर पाबंदी लगाती है, तो मुसलमानों के लिए किसी वैकल्पिक स्थान की व्यवस्था करनी चाहिए, जहां वे एक साथ नमाज अदा कर सकें. बर्क ने जोर देकर कहा कि केवल मुसलमानों की नमाज पर पाबंदी लगाना गलत है, और इसकी वह कड़े शब्दों में निंदा करते हैं.

उन्होंने यह भी कहा कि छतों पर नमाज पढ़ने के अधिकार पर कोई भी पाबंदी लगाना संविधानिक अधिकारों का उल्लंघन है. उनका मानना था कि यह मुस्लिम समुदाय की धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला है, और इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता. बर्क ने सरकार की इस नीति की आलोचना करते हुए कहा कि मुसलमानों को अपनी धार्मिक स्वतंत्रता का पालन करने का पूरा हक है, और कोई भी कदम जो इस पर पाबंदी लगाएगा, वह संविधान के खिलाफ होगा. उन्होंने यह भी बताया कि उनकी पार्टी इस मुद्दे पर पूरी तरह से मुस्लिम समुदाय के साथ है और हर संभव तरीके से उनका समर्थन करेगी.

पीएसएम/एकेजे