सपा सांसद ने भाजपा के खिलाफ दिया है आपत्तिजनक बयान : संजय निरुपम

मुंबई, 22 दिसंबर . शिवसेना नेता संजय निरुपम ने समाजवादी पार्टी के विधायक सुरेश यादव के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने भाजपा सरकार को हिंदू आतंकवादी संगठन बताया है. उन्होंने कहा, “यह बहुत ही आपत्तिजनक बयान है. समाजवादी पार्टी के लोग बुनियादी तौर पर नमाजवादी हैं. इससे ज्यादा की उम्मीद नहीं कर सकते. भारतीय जनता पार्टी इस देश की एक मजबूत और दृढ़ पार्टी है, जो लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के माध्यम से लगातार तीन चुनाव जीतकर सत्ता में आई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा लगातार आगे बढ़ रही है. ऐसी पार्टी को आतंकवादी संगठन बताना गैर कानूनी हरकत है. देश की लोकतांत्रिक परंपराओं का अपमान है. भाजपा की स्थानीय इकाई के लोगों को तत्काल पुलिस में सपा सांसद के खिलाफ पुलिस में जाना चाहिए. ऐसे व्यक्ति की जगह जेल होनी चाहिए.

कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे द्वारा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर की गई टिप्पणी पर शिवसेना नेता संजय निरुपम ने कहा है कि वह कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे, जो कर्नाटक में मंत्री हैं, उन्होंने देश के गृह मंत्री के बारे में जो विवादित बयान दिया है, वह उनके मानसिक दिवालियापन को दर्शाता है. बेटा अपने पिता की कुर्सी बचाने के लिए यह सब कर रहा है. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने से पहले मल्लिकार्जुन खड़गे ने खुद को दलित समाज का बड़ा नेता बताया था और दावा किया था कि वह कांग्रेस का नेतृत्व करेंगे तो कांग्रेस सत्ता में वापस आ सकती है. लोकसभा में छोटी सी सफलता छोड़ दी जाए, तो लगातार विफलता ही हाथ लग रही है. हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव हारे. आंबेडकर के नाम पर जो कर रहे हैं, यह केवल लोगों का ध्यान बांटना चाहते हैं. अमित शाह के नाम पर अपनी विफलता छिपाने के लिए वह अभियान चला रहे हैं.

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर शिवसेना नेता संजय निरुपम ने कहा कि मोहन भागवत एक वरिष्ठ बुद्धिजीवी हैं. मुझे नहीं पता कि उन्होंने किस संदर्भ में यह बयान दिया. पूरा राम मंदिर आंदोलन एक सार्वजनिक आंदोलन था. हालांकि, हमारी मान्यताएं अक्सर हमें अपने अस्तित्व और प्रतीकों के करीब जाने के लिए मजबूर करती हैं. मुझे नहीं पता कि भागवत ने किस संदर्भ में यह टिप्पणी की, लेकिन भारत में ऐसी बातें होती रहेंगी. क्योंकि हिंदुस्तान को वर्षों तक गुलाम बनाकर रखा गया था. हमारे धा‍र्म‍िक प्रतीकों को नष्ट किया गया. नालंदा विश्वविद्यालय, काशी विश्वनाथ, मथुरा हमारे सामने उदाहरण हैं. इतिहास में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिनसे हमारा मन आहत है. समय-समय पर इन विषयों को लेकर कोई न कोई खड़ा हो सकता है.

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