सपा अब जनकल्याण नहीं, परिवार कल्याण की भूमिका में है : मंत्री जयवीर सिंह (आईएएनएस साक्षात्कार)

लखनऊ, 1 अप्रैल . सपा के गढ़ मैनपुरी में मात देने वाले मंत्री जयवीर सिंह ने सपा पर परिवारवाद को लेकर तीखा हमला बोला है. उनका कहना है कि अब सपा जनकल्याण नहीं, परिवार कल्याण की भूमिका में है. योगी सरकार में पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे जयवीर सिंह से ने विभिन्न चुनावी मुद्दों पर खुलकर बातचीत की.

सवाल : समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों की लिस्ट में अखिलेश यादव की पत्नी, चाचा और उनके चचेरे भाई मैदान में हैं और वो खुद उम्मीदवारी से दूर हैं. इसको कैसे देखते हैं आप?

जवाब : अखिलेश जी ने इस बार सैफई का पूरा खानदान उतार दिया है. अखिलेश के चाचा राम गोपाल के बेटे फिरोजाबाद से अक्षय यादव, मैनपुरी से डिंपल यादव, बंदायू से शिवपाल यादव, आजमगढ़ से धर्मेंद्र यादव और अभी परिवार के दो चार सदस्य और जुड़ सकते हैं. पूरा परिवार चुनाव लड़ रहा है. परिवार का भला करना ही इनका मुख्य ध्येय है. सपा, अब जनकल्याण नहीं, बल्कि परिवार कल्याण की भूमिका में है. ये लोग, वर्ष 2012 से 2017 के बीच में जितना बड़ा अपराधी उतना बड़ा समाजवादी’ की राह चले. इनके शासनकाल में जमकर लूट हुई. कानून की बखियां उधेड़ी गई. जनता ने वर्ष 2017 में सत्ता से बेदखल कर दिया. योगी की सरकार बनी और अपराधियों पर डंडा व बुलडोजर चला. पूरे विश्व में बुलडोजर वाले बाबा के रूप में योगी की पहचान बन गयी है. इस बीच यूपी में एक भी दंगा नहीं हुआ. संगठित अपराध का खात्मा हुआ है. यूपी भयमुक्त है. सबको न्याय, विकास और लोक कल्याणकारी योजना मिल रही है.

सवाल : 2023 के उपचुनाव में भाजपा हार गई थी, अब आप दम भर रहे कि जीत जाएंगे. समीकरण क्या है?

जवाब : 2023 का उपचुनाव, मुलायम सिंह यादव जी की मृत्यु के तत्काल बाद का समय था. अंत्येष्टि की राख भी ठंडी नहीं हुई थी. मैनपुरी की जनता ने भी उन्हें श्रद्धांजलि के रूप में वोट दिया था, लेकिन अब परिस्थितियां बदली हैं. हमारी पार्टी ने मुलायम सिंह यादव को पद्म विभूषण दिलवाने में सहयोग किया. इधर, यह चुनाव मेरिट पर होगा. भाजपा-सपा द्वारा यहां किये गये कार्यों के मूल्यांकन के आधार पर होगा. 2012 से 2017 तक लोगों ने सपा के गुंडों को झेला है. इन्हें सब कुछ याद है. कोई कुछ भी नहीं भूला है. यहां कमल खिलना तय है.

सवाल : विपक्ष में सामंजस्य नहीं बन पा रहा है. एक-एक कर सारे दल अलग हो रहे हैं? क्या इसे ही अपनी जीत की वजह मान रहे हैं?

जवाब : लोकतंत्र में जनता की राय, मन और भावना सर्वोपरि है. जिसको जनसमर्थन और आशीर्वाद मिलेगा, वही जिंदा रहेगा. जिसके साथ विश्वास टूट जाएगा, मानिये वह मिट जायेगा. सपा, अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है. अब सपा का भविष्य नहीं बचा है. केवल अपने परिवार तक सीमित है. उनका साथ देने वाले भी अब समझने लगे हैं. यही वजह है कि अन्य छोटी-छोटी पार्टियां भी उनका साथ छोड़ कर भाग रहीं हैं.

सवाल : भाजपा ने बहुत सारे उम्मीदवारों को बदल दिया है. नये चेहरे उतारे हैं. जिनका कोई पार्टी से वास्ता भी नहीं रहा, उन्हें भी टिकट मिला है. क्या कहेंगे?

जवाब : प्रत्येक संसदीय क्षेत्र में सांसद के पांच साल के ट्रैक रिकॉर्ड का विभिन्न माध्यमों से सर्वे हुआ. फिर, केंद्रीय नेतृत्व ने यह फैसला लिया. इस बार सारे लोगों को जनता जिताएगी. सात साल में योगी-मोदी सरकार ने जितना विकास किया है और देश को विकसित भारत बनने की राह पर आगे बढ़ाया है, वह इनकी जीत का आधार बनेगा. यूपी की 80 सीटें हम जीतेंगे. अबकी बार, 400 पार’ का नारा यूं ही नहीं दिया गया है, इसमें यूपी की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है.

सवाल : मैनपुरी से लड़ने को लेकर आपकी चर्चाएं बहुत हैं, कितना सही है?

जवाब : भाजपा एक अनुशासित पार्टी है. इसमें सभी कार्यकर्ता हैं. कार्यकर्ता को जो भी निर्देश मिलता है, उसे निर्वहन करने के लिए सदैव तत्पर रहता है. जयवीर सिंह भी एक कार्यकर्ता है. अपने दायित्व निर्वहन के लिए तैयार है. पार्टी का जो भी आदेश होगा, वह पूरा करेंगे. अभी मुझे स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल किया गया है. आगे, पार्टी का जैसा आदेश होगा, उसका निर्वहन किया जाएगा.

सवाल : आरोप है कि पर्यटन के क्षेत्र में सिर्फ एक कौम को प्रसन्न करने के लिए काम कर रहे हैं?

जवाब : देखिए, यह देश और प्रदेश सनातन संस्कृति को मानने वाला है. इनकी आस्था को सम्मान देना हमारा कर्तव्य है. हम वही कर रहे हैं. अन्य पर्यटक स्थलों का भी हम विकास कर रहे हैं. हमने बौद्ध सर्किट का विकास किया है. इसके अलावा हमने विभिन्न विभागों को जोड़कर इको-टूरिज्म बोर्ड बनाया है. इसमें उद्यान, परिवहन, सिंचाई, आयुष विभाग आदि शामिल हैं. नोडल पैटर्न पर जोड़कर इंडस्ट्रियल को तैयार कर रहे हैं. लोगों को थेरेपी के लिए बेंगलुरु नहीं जाना पड़ेगा. कतर्निया, दुधवा जैसे प्राकृतिक स्थानों पर जाकर पांच से सात दिनों का कोर्स कर स्वास्थ लाभ ले सकेंगे. हेल्थ डेस्टिनेशन भी बनाया है. एनवायरमेंटल टूरिज्म पर भी बल है. हमारा प्रयास है कि यूपी को भविष्य में धार्मिक-ऐतिहासिक टूरिज्म के उद्देश्य से पूरी तरह तैयार कर लें. बुंदेलखंड क्षेत्र के किलों को टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में डेवलप कर रहे हैं. राजस्थान के तर्ज पर विभिन्न पौराणिक किलों का विकास भी जारी है. विभिन्न डेस्टिनेशन और धरोहरों को आकर्षक बना रहे हैं. भविष्य में विदेशी या देश के अलग भागों से घूमने आने वाले पर्यटकों की पहली पसंद यूपी बनेगा.

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