New Delhi, 18 अक्टूबर . सोयाबड़ी, जिसे सोया चंक्स या सोया नगेट्स के नाम से भी जाना जाता है, शाकाहारी लोगों के लिए प्रोटीन का एक बेहतरीन, सस्ता और स्वादिष्ट विकल्प है. यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए आदर्श है जो मांस नहीं खाते, लेकिन अपने शरीर की प्रोटीन जरूरतों को पूरा करना चाहते हैं.
सोयाबड़ी दरअसल सोयाबीन से तैयार की जाती है. पहले सोयाबीन से तेल निकाला जाता है, फिर बचे हुए डी-ऑयल्ड सोया फ्लोर को उच्च तापमान और दबाव में पकाकर, छोटे-छोटे टुकड़ों के रूप में ढालकर सुखाया जाता है. सूखने के बाद यह कठोर हो जाती है और पकाने से पहले इसे पानी में भिगोना आवश्यक होता है.
आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से सोयाबड़ी शरीर को बल देने वाली, भारी और चिकनाहट युक्त आहार मानी जाती है. इसकी तासीर गर्म मानी जाती है. यह विशेष रूप से मांस और शुक्र धातु को पोषण देती है, वात दोष को शांत करती है, परंतु अधिक मात्रा में सेवन करने पर पित्त को बढ़ा सकती है.
सोयाबड़ी में लगभग 52 प्रतिशत तक प्रोटीन पाया जाता है, जो इसे शाकाहारियों के लिए एक सुपरफूड बनाता है. इसमें आयरन, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे खनिज भी होते हैं जो हड्डियों को मजबूत बनाते हैं. महिलाओं में हार्मोन संतुलन बनाए रखने में भी यह सहायक है, खासकर मेनोपॉज के समय. साथ ही, यह वजन घटाने में भी मददगार है क्योंकि इसका हाई प्रोटीन कंटेंट भूख को लंबे समय तक शांत रखता है. लो-फैट और हाई-फाइबर होने के कारण यह दिल की सेहत के लिए भी लाभकारी है.
सोयाबड़ी को कई तरीकों से भोजन में शामिल किया जा सकता है, जैसे सब्जी, पुलाव, टिक्की, सूप या भरावन के रूप में.
हालांकि, आयुर्वेद में इसे संतुलित मात्रा में लेने की सलाह दी जाती है. अत्यधिक सेवन से पित्त बढ़ सकता है और गैस या अपच की समस्या हो सकती है. थायरॉइड के रोगियों को इसका सीमित सेवन करना चाहिए क्योंकि यह गॉयट्रोजेनिक होता है.
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पीआईएस/