सियोल, 29 अक्टूबर . दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यूं सुक येओल और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने मंगलवार को रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती की कड़ी निंदा की. योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, यूं और जेलेंस्की ने फोन पर बातचीत की.
राष्ट्रपति कार्यालय ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘दोनों नेताओं ने उत्तर कोरिया और रूस के बीच हथियारों के हस्तांतरण और सैन्य तैनाती सहित अवैध सैन्य सहयोग की कड़े शब्दों में निंदा की. उन्होंने संयुक्त प्रतिक्रिया के लिए रणनीतिक परामर्श जारी रखने पर सहमति व्यक्त की.”
यूं ने कहा कि दक्षिण कोरिया प्योंगयांग और मास्को के बीच गहराते सैन्य संबंधों को नजरअंदाज नहीं करेगा. उन्होंने बढ़ते सुरक्षा खतरों के जवाब में ‘चरणबद्ध कदम’ उठाने की कसम खाई.
यूं ने कहा, ‘उत्तर कोरिया, रूस को सैन्य सहायता प्रदान करने के अलावा, वहां विशेष बलों की तैनाती करके अभूतपूर्व और खतरनाक कदम उठा रहा है.’
यूं ने कहा, “उत्तर कोरिया, रूस को सैन्य सहायता प्रदान करने के अलावा, वहां विशेष बलों की तैनाती करके अभूतपूर्व और खतरनाक कदम उठा रहा है.” उन्होंने दक्षिण कोरिया और यूक्रेन के बीच घनिष्ठ संचार और समन्वित प्रतिक्रिया की जरुरत पर बल दिया.
यूं ने इस बात पर भी चिंता व्यक्त की कि मॉस्को, सेना की तैनाती के बदले में प्योंगयांग को संवेदनशील सैन्य तकनीक दे सकता है और उत्तर कोरियाई सेना यूक्रेन संघर्ष से युद्ध का अनुभव प्राप्त कर सकती है, जो दक्षिण कोरिया के लिए एक महत्वपूर्ण सुरक्षा जोखिम साबित हो सकता है.
जेलेंस्की ने दक्षिण कोरिया के निरंतर समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया, जिसमें कीव में एक सरकारी प्रतिनिधिमंडल भेजने का निर्णय भी शामिल है. उन्होंने कहा कि यूक्रेन आगे के समन्वय के लिए जल्द ही एक प्रतिनिधिमंडल दक्षिण कोरिया भेजेगा.
बता दें सोल और वाशिंगटन यह दावा करते रहे हैं कि उत्तर कोरिया ने अपने सैनिक रूस में भेजे हैं.
उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के चीफ ने सोमवार को पुष्टि की कि उत्तर कोरियाई सैनिकों को रूस के पश्चिमी सीमावर्ती कुर्स्क क्षेत्र में तैनात किया गया है.
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एकेएस/एमके