सोल, 28 दिसंबर . दक्षिण कोरिया का राजनीतिक संकट गहराता ही जा रहा है. इस बीच सड़कों पर सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों के बीच प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. महाभियोग का सामना कर रहे राष्ट्रपति यून सूक योल के पक्ष में और विपक्ष में शनिवार को रैलियों का आयोजन हुआ.
पुलिस ने अनुमान लगाया कि शाम 5.10 बजे तक ग्योंगबोक पैलेस के पास यून विरोधी रैलियों में 35,000 लोग शामिल हुए, हालांकि आयोजकों ने यह संख्या 5,00,000 से अधिक बताई.
प्रदर्शनकारियों ने लाइट स्टिक लहराई और “यून सुक योल को तुरंत गिरफ्तार करो” के नारे लगाए.
कुछ लोगों ने संवैधानिक न्यायालय से उन्हें पद से हटाने की मांग की, जबकि अन्य ने यून की सत्तारूढ़ ‘पीपुल्स पावर पार्टी’ (पीपीपी) को भंग करने की मांग की.
मुख्य विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता ली जे-म्यांग के भी साइट पर जाने की खबर है.
केवल 1 किमी दूर, ग्वांगह्वामुन स्टेशन के पास, यून के समर्थकों ने अपनी रैली की. एक प्रदर्शनकारी द्वारा पकड़े गए साइन पर, ‘महाभियोग अमान्य है.’ लिखा था. वहीं, एक अन्य पर ‘ली जे-म्यांग को गिरफ्तार करो’ लिखा था.
योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, पीपीपी नेता यून सांग-ह्यून ने मंच से समर्थकों को संबोधित किया. उन्होंने घुटनों के बल झुकने से पहले कहा, “हम अपनी ही पार्टी के अध्यक्ष के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव को रोकने में विफल रहे. मैं अपने सम्माननीय देशभक्त नागरिकों से माफी मांगता हूं.”
पुलिस ने कहा कि शाम 5:10 बजे तक रैली में लगभग 35,000 लोग इकट्ठे हुए थे, जबकि आयोजकों ने दावा किया कि यह संख्या 3 लाख के करीब थी.
इससे पहले 28 दिसंबर को, दक्षिण कोरियाई पुलिस ने राष्ट्रपति के सुरक्षित घर पर छापा मारा था, जहां उन्होंने कथित तौर पर मार्शल लॉ लगाने की अपनी योजना पर चर्चा करने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की थी.
पुलिस ने कहा कि छापेमारी का उद्देश्य सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित करना और 3 दिसंबर को मार्शल लॉ घोषित होने से कुछ घंटे पहले इमारत में प्रवेश करने वाले लोगों की पहचान करना था.
पुलिस के अनुसार, राष्ट्रपति कार्यालय परिसर में अलग से स्थित राष्ट्रपति सुरक्षा सेवा पर एक साथ छापेमारी का प्रयास किया गया था, लेकिन जांचकर्ताओं को अंदर जाने से रोक दिया गया था.
नेशनल असेंबली ने 14 दिसंबर को राष्ट्रपति यून सुक-योल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित कर दिया. यह प्रस्ताव मंगलवार (03 दिसंबर) रात को मार्शल लॉ लागू करने के लिए उनके खिलाफ लाया गया था. अब सभी की निगाहें संवैधानिक न्यायालय पर टिकी हैं, जो राष्ट्रपति यून सूक योल के महाभियोग पर अंतिम फैसला लेगा.
न्यायालय यह फैसला करेगा कि संसद के उस फैसले को मंजूरी दी जाए या नहीं, जिसके तहत या तो यून को पद से हटाया जाएगा या उन्हें पद पर बहाल किया जाएगा.
साउथ कोरिया की नेशनल असेंबली ने शुक्रवार को कार्यवाहक राष्ट्रपति हान डक-सू के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित कर दिया. उन्हें राष्ट्रपति यून सूक योल की जगह लिए अभी दो सप्ताह का समय भी पूरा नहीं हुआ था.
महाभियोग प्रस्ताव पारित होने के बाद हान को उनके कर्तव्यों से निलंबित कर दिया गया. उप प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री चोई सांग-मोक कार्यवाहक राष्ट्रपति और कार्यवाहक प्रधानमंत्री दोनों की जिम्मेदारी संभाली है.
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एससीएच/एमके