जल्द ही झारखंड पुलिस के शिकंजे में होगा मयंक सिंह, अजरबैजान से प्रत्यर्पण को मिली मंजूरी

रांची, 8 अगस्त . विदेश में बैठकर Jharkhand में क्राइम का नेटवर्क चलाने वाले मोस्ट वांटेड सुनील कुमार उर्फ मीणा जल्द ही Jharkhand Police के शिकंजे में होगा. मयंक को अजरबैजान की Police ने पिछले साल ही गिरफ्तार किया था, जिसके प्रत्यर्पण की मंजूरी मिल गई है.

विदेश मंत्रालय की ओर से अजरबैजान Government को जरूरी कागजात सौंप दिए गए हैं. Jharkhand Police मुख्यालय ने Friday को आधिकारिक तौर पर जानकारी दी कि प्रत्यर्पण के बाद सुनील को 23 अगस्त को India लाया जाएगा. सुनील कुमार मीणा उर्फ मयंक पिछले चार-पांच वर्षों से Jharkhand में दहशत का पर्याय बना हुआ था. वह गैंगस्टर अमन साहू के गिरोह के नाम पर इंटरनेट मीडिया के जरिए Jharkhand के कारोबारियों, ठेकेदारों और खनन कंपनियों के अफसरों को थ्रेट कॉल करता था. राज्य में बड़ी वारदातों के बाद वह social media पर गिरोह की ओर से जिम्मेदारी लेता था.

शुरुआत में Police यह मानती रही कि इस नाम का कोई फर्जी इंसान दहशत फैला रहा है, लेकिन बाद में तकनीकी जांच के आधार पर उसकी शिनाख्त की गई. Jharkhand Police के एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड ने रामगढ़ जिले के पतरातू (भदानीनगर) थाने में कांड संख्या 175/ 22 के तहत दर्ज एक आपराधिक मामले में उसके खिलाफ साक्ष्य के आधार पर न्यायालय में चार्जशीट समर्पित किया. इसके बाद उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कराया गया. इस बीच 29 अक्टूबर 2024 को अजरबैजान की राजधानी बाकू में सुनील कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया.

Jharkhand एटीएस के आग्रह पर सीबीआई ने उसके प्रत्यर्पण के लिए कार्रवाई शुरू की. विदेश मंत्रालय के सहयोग से अजरबैजान Government को प्रत्यर्पण दस्तावेज भेजे गए. 27 जनवरी 2025 को अजरबैजान की अदालत ने प्रत्यर्पण की मंजूरी दे दी, जिससे प्रक्रिया में तेजी आई. इसके बाद India Government ने भी अपराधी को प्रत्यर्पण की Political मंजूरी प्रदान करते हुए Police अफसरों के लिए पासपोर्ट जारी करने का निर्देश दिया.

जानकारी के अनुसार, अजरबैजान की Government 22 अगस्त को सुनील उर्फ मयंक को भारतीय अधिकारियों को सौंपेगी. इसके बाद उसे 23 अगस्त को India लाया जाएगा. सुनील को Jharkhand लाने के लिए एटीएस के एसपी ऋषभ झा के नेतृत्व में टीम अजरबैजान जाएगी. उससे पूछताछ के बाद Jharkhand के कई आपराधिक मामलों का खुलासा होने की संभावना है.

एसएनसी/डीएससी