जवाहरलाल नेहरू की 61वीं पुण्यतिथि: सोनिया, राहुल और खड़गे ने श्रद्धांजलि अर्पित की

नई दिल्ली, 27 मई . दिल्ली स्थित शांति वन में पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की 61वीं पुण्यतिथि पर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे.

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने पूर्व पीएम पंडित जवाहरलाल नेहरू की तस्वीर शेयर कर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की पुण्यतिथि पर उन्हें सादर नमन. सशक्त और समावेशी भारत का सपना लिए, नेहरू ने अपने दूरदर्शी नेतृत्व से स्वतंत्र भारत की मजबूत नींव रखी. सामाजिक न्याय, आधुनिकता, शिक्षा, संविधान और लोकतंत्र की स्थापना में उनका योगदान अमूल्य है. हिंद के जवाहर की विरासत और उनके आदर्श सदैव हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे.“

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया. उन्होंने पोस्ट में लिखा, “भारत को शून्य से शिखर तक पहुंचाने वाले, आधुनिक भारत के निर्माता, लोकतंत्र के निर्भीक प्रहरी, भारत को वैज्ञानिक, आर्थिक, औद्योगिक व विभिन्न क्षेत्रों में विकासशील बनाने वाले, देश को निरंतर ‘विविधता में एकता’ का संदेश देने वाले, हमारे प्रेरणास्रोत, पंडित जवाहरलाल नेहरू की पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि. पंडित जवाहरलाल नेहरू जी के योगदान के बिना 21वीं सदी के भारत की कल्पना नहीं की जा सकती.“

सचिन पायलट ने उनके अतुलनीय योगदान को याद करते हुए लिखा, “देश की स्वतंत्रता से लेकर एक आधुनिक, सशक्त और प्रगतिशील भारत के निर्माण में पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का अतुलनीय योगदान राष्ट्र सदैव कृतज्ञता के साथ स्मरण करता रहेगा. उनकी दूरदर्शिता, विचार और राष्ट्र के प्रति समर्पित जीवन हम सभी के लिए प्रेरणास्त्रोत है. उनकी पुण्यतिथि पर मैं विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.“

वहीं, पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल ने लिखा, “आधुनिक भारत के सबसे ऊंचे स्तंभों में से एक हमारे प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को उनकी पुण्यतिथि पर भावभीनी श्रद्धांजलि. स्वतंत्रता संग्राम के लिए और हमारे राष्ट्र को खंडहरों से निकालकर एक आत्मनिर्भर, लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण गणराज्य बनाने में उनके अपार समर्पण और बलिदान को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा, चाहे उनके विरोधी कुछ भी करें. पंडित नेहरू हमेशा स्वतंत्रता, समानता और सामाजिक उत्थान के लोकतांत्रिक सिद्धांतों के पक्षधर रहे, जो भारत के संविधान के साथ-साथ उनके कार्यकाल के दौरान उनके द्वारा बनाए गए कई मौलिक कानूनों में भी परिलक्षित होते हैं. ऐसा कोई दूसरा नेता कभी नहीं होगा, और उनकी विरासत आने वाले दशकों और सदियों तक बेमिसाल रहेगी.“

डीकेएम/केआर