सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति पद का किया अपमान, मांगनी चाहिए माफी : गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत

नागपुर, 1 फरवरी . महाराष्ट्र के नागपुर में एक कार्यक्रम में शामिल होने आए गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को बेचारी कहने पर आड़े हाथों लिया. इसके बाद उन्होंने बजट, कुंभ समेत तमाम मुद्दों पर बातचीत की.

मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी द्वारा की गई टिप्पणी पर कहा, “कांग्रेस की नेता सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति पद का अपमान किया है. एक उच्च संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को इस प्रकार से संबोधित करना न केवल उस व्यक्ति का बल्कि पूरे राष्ट्र के प्रति अनादर दर्शाता है. सोनिया गांधी को देश से माफी मांगनी चाहिए.”

इसके बाद उन्होंने सांसद पप्पू यादव के राष्ट्रपति पर ‘लव लेटर’ वाले बयान पर कहा, “पप्पू यादव जैसे लोग लोकतंत्र को नहीं समझते. जिस संविधान को आज 75 साल पूरे हुए हैं, उसी संविधान के आधार पर हम लोकसभा और राज्यसभा में पहुंचते हैं. इन लोगों को बोलते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि वे संविधान का सम्मान करें.”

शनिवार को पेश होने वाले बजट पर उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हार्दिक अभिनंदन, क्योंकि इस बार भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश का बजट पेश कर रही हैं. यह बजट भी ‘विकसित भारत 2047’ की नींव रखने वाला होगा. मेरा मानना है कि यह बजट मध्यम वर्ग और निम्न मध्यम वर्ग के लिए स्वागत योग्य होगा. प्रधानमंत्री मोदी जी जिन चार स्तंभों की बात करते हैं – युवा शक्ति, नारी शक्ति, किसान शक्ति और गरीब कल्याण – उन सभी के लिए यह बजट राहत प्रदान करने वाला होगा.”

इसके बाद दिल्ली चुनाव पर उन्होंने कहा, “लोग अब सच और झूठ की पहचान करने में सक्षम हो गए हैं. पिछले 10 वर्षों में उन्हें अनुभव हो चुका है, इसलिए इस बार दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की ‘डबल इंजन’ सरकार सौ प्रतिशत आएगी. मोदी जी के नेतृत्व में जो देश ने विकास देखा है, वही दिल्ली के लोग भी चाहते हैं. राजधानी में भी विकास की इच्छा है, इसलिए इस बार भारतीय जनता पार्टी दिल्ली में सभी सीटों पर जीत हासिल कर खुद के बल पर सरकार बनाएगी. भारतीय जनता पार्टी ने जो वादा किया उसे पूरा किया, पीएम मोदी जो कहते हैं, उसे पूरा भी करते भी हैं, यही कारण है कि दिल्ली के लोग उनकी सरकार को सत्ता में देखना चाहते हैं.”

इसके बाद महाकुंभ पर उन्होंने कहा, “महाकुंभ सनातन संस्कृति का एक प्रतीक है, वहां हुई दुर्घटना से मैं दुखी हूं. यह नहीं होनी चाहिए थी, इसके बावजूद आयोजन बहुत अच्छी तरह से हुआ है. मैं सभी लोगों को इस महाकुंभ में शामिल होकर स्नान करने के लिए प्रोत्साहित करता हूं.”

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