10 सालों से उत्तर कोरिया की जेल में बंद दक्षिण कोरियाई मिशनरी के बेटे ने अंतर्राष्ट्रीय समर्थन की अपील की

सियोल, 1 नवंबर . दक्षिण कोरिया के ईसाई मिशनरी चोई चुन-गिल 2014 से जासूसी के आरोप में उत्तर कोरिया की जेल में बंद हैं. उनके पुत्र चोई जिन-यंग ने यूरोप में प्रमुख मानवाधिकार हस्तियों से मुलाकात करते हुए बंदियों से जुड़े मुद्दों के समाधान के लिए अंतर्राष्ट्रीय समर्थन की अपील की है. यह जानकारी देश के यूनिफिकेशन मंत्रालय ने एक बयान जारी कर दी.

समाचार एजेंसी योनहाप की रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण कोरिया में मानवाधिकारों पर चर्चा के लिए 7 नवंबर को होने वाली चौथी समीक्षा होगी. इससे पहले दक्षिण कोरियाई मिशनरी चोई चुन-गिल के पुत्र चोई जिन-यंग ने सेल्स, जिनेवा और बर्लिन की अपनी यात्रा के दौरान यह अपील की.

बता दें कि चोई को दक्षिण कोरिया की खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी करने के आरोप में 2014 में उत्तर कोरिया में गिरफ्तार किया गया था. तब से वह उत्तर कोरिया की हिरासत में हैं. उनके साथ दो अन्य मिशनरी किम जंग-वुक और किम कूक-की भी हैं, जिन्हें क्रमशः 2013 और 2014 में हिरासत में लिया गया था.

सोमवार को ब्रुसेल्स में चोई ने यूरोपीय संघ के मानवाधिकारों के विशेष प्रतिनिधि ओलोफ स्कोग से मुलाकात की और उत्तर कोरिया की जेल में बंद तीनों मिशनरियों के परिवारों के पत्रों को उन तक पहुंचाने और उनके जीवित होने की पुष्टि करने में सहायता मांगी.

मंत्रालय ने कहा कि स्कोग ने इस मामले को सुलझाने के लिए हर संभव प्रयास करने का वादा किया है. साथ ही उत्तर कोरियाई मानवाधिकार मुद्दे के बारे में जागरूकता बढ़ाने व देश को जवाबदेह ठहराने के लिए सतत प्रयासों के महत्व पर भी बल दिया.

उसी दिन, उन्होंने ह्यूमन राइट्स विदाउट फ्रंटियर्स इंटरनेशनल के कार्यकारी निदेशक विली फाउट्रे से भी अलग से मुलाकात भी की. उन्होंने इन कैदियों की भयावह स्थिति और उनके परिवारों द्वारा झेली जा रही पीड़ा के बारे में अंतर्राष्ट्रीय जागरूकता बढ़ाने में अपना समर्थन देने का वादा किया.

बता दें कि मंगलवार से बुधवार तक जिनेवा में उत्तर कोरियाई मानवाधिकारों पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय वार्ता में भाग लेने के दौरान, चोई ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों और मनमाने ढंग से या जबरन हिरासत में लिए गए व्यक्तियों पर संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों के साथ बैठक की. साथ ही उन्होंने इस मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय समर्थन का अनुरोध भी किया.

पीएसएम/एएस