मुंबई, 3 जून . बकरीद को लेकर जारी महाराष्ट्र गौसेवा आयोग के निर्देश पर सियासत तेज हो गई है. इस विवाद पर राष्ट्रीय लोकदल नेता मलूक नागर ने मंगलवार को कहा कि “इस देश में कुछ लोग राष्ट्र को प्राथमिकता देने के बजाय इस बात पर ज्यादा ध्यान देते हैं कि वे व्यक्तिगत रूप से अपनी विधानसभा या लोकसभा सीटें कैसे जीत सकते हैं या अपनी पार्टी को कम समय में कैसे मजबूत कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि देश संविधान के अनुसार चलेगा, और संसद में हम विधायक उसी के अनुसार नियम और कानून बनाएंगे.
उन्होंने कहा कि जोर जबरदस्ती किसी जाति धर्म को लेकर, साथ ही किसी दूसरे के काम में हस्तक्षेप करने का किसी नेता को कोई अधिकार नहीं है. हमारा देश इसीलिए मजबूत है क्योंकि इसमें सभी जाति और धर्म के लोग रहते हैं. जरूरत पड़ने पर सभी देश के लिए काम करते हैं.
राष्ट्रीय लोकदल नेता मलूक नागर ने समाचार एजेंसी से बातचीत के दौरान ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान में भारतीय सेना ने घुसकर मारा है, सेना अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी जैसी मुस्लिम भी आगे आईं और देश के लिए लड़ीं. ओबैसी और सलमान खुर्शीद को कुछ लोग मुस्लिम नेता जानते थे, वह अपनी पार्टी और राजनीतिक सोच की परवाह न करते हुए सामने आए और पाकिस्तान की धज्जियां उड़ा दीं.
आरएलडी नेता मलूक नागर ने कांग्रेस पार्टी की आलोचना करते हुए कहा, “कांग्रेस नेता दावा कर रहे हैं कि अगर राहुल गांधी प्रधानमंत्री होते तो वे पीओके को वापस ले लेते. दरअसल, यह खुद कांग्रेस नेताओं की स्वीकारोक्ति है कि पिछले कांग्रेसी प्रधानमंत्रियों में से कोई भी चाहे वह जवाहर लाल नेहरू हों, इंदिरा गांधी हों, राजीव गांधी हों या कोई और, ऐसा करने में सक्षम नहीं थे. वे यह कह रहे हैं कि राहुल गांधी अधिक सक्षम हैं.”
विरोधी पक्ष के ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग पर आरएलडी नेता मलूक नगर ने कहा कि कांग्रेस के कई लोग और बहुत सारी पार्टियां ऐसी भी हैं जो सत्र बुलाने के पक्ष में नहीं हैं. शशि थरूर, मनीष तिवारी, सलमान खुर्शीद, पंजाब से डिंपा जैसे सांसद हैं जो देश भावना को ऊपर रखते हैं. सरकारें आती जाती रहेंगी, देश पहले है. इसलिए इंडी गठबंधन को दोबारा इस पर सोचना चाहिए. उन्होंने कहा कि इनके संसद सत्र बुलाने का मतलब है ऑपरेशन सिंदूर के बीच में बाधा डालना, पाकिस्तान में पल रहे आतंकी और उनके ठिकानों को तबाह करने में रुकावट डालना, देश सब देख रहा है.
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एएसएच/जीकेटी