जयपुर Jaipur .
प्रतिबंधित दवाओं की तस्करी के केस में गिरफ्तारी का डर दिखाकर 2 करोड़ रुपए घूस मांगने के मामले में जेल में बंद एसओजी की निलंबित एएसपी दिव्या मित्तल ने देहरादून की फार्मा कंपनी के मालिक से 1 करोड़ घूस ली थी. हिमालय मेडिटेक के मालिक सुनील नंदवानी ने एसीबी में कबूल किया है केस कमजोर करने के लिए दिव्या को 1 करोड़ दिए थे.
दिव्या ने नंदवानी की गिरफ्तारी कमजोर धाराओं में की और 15 दिन में ही बेल मिल गई थी. अजमेर पुलिस ने रामगंज थाने में 183 व 195 और अलवर Alwar गेट थाने में 139 नंबर एफआईआर दर्ज की थी. ज्यादातर आरोपी 183 और 139 में गिरफ्तार हुए. इसने मिले सबूत केस फाइल में थे.
दोनों मामले हाईकोर्ट में क्लब थे. दिव्या इन केस में नंदवानी को पकड़ती को कोर्ट में पूरे तथ्य आ जाते. इससे बचने के लिए 195 नंबर में गिरफ्तारी की. दिव्या ने जमानत पर सुनवाई के समय हाईकोर्ट को जानकारी नहीं दी कि इस केस का बाकी दो एफआईआर से लिंक है. मुकदमा क्लब नहीं हुआ और नंदवानी को बेल मिल गई. एसओजी के एसपी गौरव यादव ने नंदवानी को 183 नंबर एफआईआर में गिरफ्तार करने की स्वीकृति प्रदान की, लेकिन एएसपी ने उसे 195 नंबर एफआईआर में पकड़ा.
2 करोड़ मांगे थे, देहरादून के होटल में 1 करोड़ में डील
दिव्या मित्तल ने सुनील नंदवानी से 2 करोड़ रुपए मांगे थे. उससे कहा कि तीनों जगह से आपकी कंपनी में बनी दवाएं बरामद हुई हैं, इसलिए गिरफ्तार तो करना होगा. लेकिन ऐसे केस में करेंगे कि दो से तीन सप्ताह में जमानत मिल जाए.
आखिर में नंदवानी 1 करोड़ देने के लिए तैयार हुआ. पूरी डील देहरादून के एक होटल में हुई. नंदवानी के भाई ने दिव्या के लिए कमरा बुक करवाया. रिमांड के दौरान नंदवानी को इसी होटल में रोका. दिव्या खुद भी यहीं रुकी.
जमानत पर आज फैसला
उधर, दिव्या की जमानत पर गुरुवार को जस्टिस जस्टिस नरेंद्र सिंह ढड्ढा की बेंच में सुनवाई है. दिव्या की ओर से एडवोकेट पंकज गुप्ता, एसीबी की तरफ से एएजी विभूति भूषण पैरवी करेंगे.