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काठमांडू, 8 सितंबर . नेपाल में Monday को जेन जी द्वारा social media पर प्रतिबंध के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन में हालात हिंसक हो गए. हालात की गंभीरता को देखते हुए नेपाल Government ने Monday शाम बालुवाटार में हुई कैबिनेट बैठक में एक उच्च स्तरीय जांच समिति के गठन का निर्णय लिया है.
बालुवाटार, नेपाल के Prime Minister का आधिकारिक निवास स्थल है. कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया कि यह समिति आगामी 15 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट Government को सौंपेगी. एक मंत्री ने जानकारी दी कि जांच समिति के सदस्यों के नाम Tuesday सुबह तक सार्वजनिक कर दिए जाएंगे.
प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांग Government द्वारा social media प्रतिबंध को वापस लेना था. लेकिन जब प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच झड़प हुई, तो स्थिति बेकाबू हो गई. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए Police ने बल प्रयोग किया, जिसमें 19 लोग मारे गए और 250 से ज्यादा लोग घायल हुए.
इस गंभीर स्थिति की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए गृह मंत्री रमेश लेखक ने इस्तीफा दे दिया है. वहीं, इस बीच, Monday को कैबिनेट की बैठक में Prime Minister केपी ओली शर्मा ने अपना रुख दोहराया कि social media पर प्रतिबंध जारी रहेगा.
जानकारी के अनुसार, Tuesday को युवाओं के साथ-साथ समाज के बुजुर्ग और परिवारों के लोग भी प्रदर्शन में शामिल होंगे.
गौरतलब है कि 4 सितंबर को नेपाल Government ने फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, व्हाट्सऐप सहित 26 social media प्लेटफॉर्मों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था.
Government द्वारा गठित की गई जांच समिति अब इस पूरी घटना के पीछे की वास्तविक स्थिति, Police कार्रवाई और हिंसा के कारणों की जांच करेगी.
वहीं, नेपाल के पूर्व उप Prime Minister राजेंद्र महतो ने से विशेष बातचीत में कहा, “प्रतिबंध तुरंत हटाने की सख्त जरूरत है. social media पर पूरी तरह से प्रतिबंध नहीं लगाया जाना चाहिए, इसके विकल्प भी होने चाहिए. दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए, लेकिन घायल प्रदर्शनकारियों के साथ मानवीय व्यवहार किया जाना चाहिए. कर्फ्यू लगाने से विरोध प्रदर्शन नहीं रुकेगा, बल्कि यह पूरे देश में फैल जाएगा. Government को इसे गंभीरता से लेना चाहिए और बिना देर किए कार्रवाई करनी चाहिए.”
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वीकेयू/डीकेपी