मुंबई, 4 जनवरी . आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के ‘लाठी’ वाले बयान पर भाजपा विधायक स्नेहा दुबे ने कहा, “भागवत जी बहुत वरिष्ठ और अनुभवी हैं. उन्होंने जो कहा है मैं उनके बयान का समर्थन करती हूं.”
दुबे ने से बात करते हुए लाठी की उपयोगिता पर प्रकाश डाला. कहा, ” अगर आप देखें तो आरएसएस जिस तरह से काम करता है, वह लोगों की सेवा के लिए है. जब भी भूकंप, प्राकृतिक आपदा या बाढ़ आती है, तो सबसे पहले आरएसएस के सदस्य ही मदद के लिए पहुंचते हैं. मैंने खुद इसका अनुभव किया है और इसे खुद देखा है. उन्होंने कहा कि लाठी चलाने से शरीर में फुर्ती आती है.”
बोलीं, लाठी चलाना हमारी पारंपरिक व्यायाम का एक तरीका है. पहले इस तरह की चीजों को व्यायाम का एक तरीका माना जाता था. लाठी चलाना हमारी पारंपरिक संस्कृति है जो रहनी चाहिए. हमारी युवा पीढ़ी को भी इस बारे में जानकारी होनी चाहिए.
विपक्ष के आरोप पर उन्होंने कहा कि विपक्ष का काम आरोप लगाना ही है. जब से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बने हैं, कितने दंगे हुए. मुझे लगता है विरोध के लिए विपक्ष के पास आरोप लगाने के अलावा कुछ नहीं है. आरएसएस लाठी के प्रशिक्षण की जो जानकारी देती है वह अपनी संस्कृति, परंपरा को बढ़ाने का काम कर रही है.
3 जनवरी को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था लाठी चलाने से हम वीर बनते हैं. यह लड़ाई के लिए नहीं है.
वहीं, बीएमसी चुनाव से पहले दूसरे दल के नेताओं का भाजपा में शामिल होने पर उन्होंने कहा, “वसई विधानसभा क्षेत्र के नायगांव जुचंद्र इलाके से करीब 200 लोग यहां आए हैं. हालांकि, वहां हजारों लोग भाजपा में शामिल होने वाले हैं. हम सिर्फ इन 200 लोगों को यहां लेकर आए हैं. इस जगह की एक खास मर्यादा है और ये 200 लोग यहां हैं. हम सभी का अपनी पार्टी में स्वागत करते हैं, आगे बीएमसी का चुनाव है. ऐसे में दूसरी पार्टी से आने वाले नेता जो भाजपा में शामिल हो रहे हैं. यकीनन इससे फायदा होगा.
दिल्ली विधानसभा चुनाव पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “अलका लांबा पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री के खिलाफ चुनाव लड़ चुकी हैं और अब कांग्रेस पार्टी ने उन्हें मौजूदा मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ मैदान में उतारा है. ‘इंडी अलायंस’ हमेशा से ही दिखावटी और कागजी गठबंधन रहा है. जमीनी तौर पर कभी अलायंस नहीं था. राज्यों के विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे आएंगे, इंडी अलायंस की हकीकत सामने आती रहेगी.”
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