बिहार उपचुनाव में छोटे दलों ने बढ़ाई गठबंधनों की परेशानी!

पटना, 22 अक्टूबर . बिहार में चार विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में छोटे दलों के प्रत्याशी उतारने की घोषणा ने दोनों गठबन्धनों की परेशानियां बढ़ा दी है. खासकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) द्वारा सभी चार सीटों पर प्रत्याशी उतारने की घोषणा ने महागठबंधन में शामिल राजद के नेताओं के माथे पर शिकन ला दी है.

इधर, प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज ने भी प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है जबकि बहुजन समाज पार्टी भी प्रत्याशी उतारने की बात कर रही है.

दरअसल, बिहार में चार विधानसभा सीटों तरारी, रामगढ़, बेलागंज और इमामगंज पर उपचुनाव हो रहे हैं. यह उप चुनाव एनडीए और महागठबंधन के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बना हुआ है. इस बीच, महागठबंधन और एनडीए ने अपने-अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. इस दौरान एआईएमआईएम द्वारा सभी चार सीटों पर प्रत्याशी उतारने की घोषणा ने राजद की परेशानी बढ़ा दी है.

बताया जाता है कि एआईएमआईएम की बिहार प्रदेश कमिटी ने सभी चार सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए आलाकमान को एक लिस्ट सौपी है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अख्तरुल इमान ने कहा कि उनकी तैयारी सभी चार सीटों की है, लेकिन दो सीटों पर उनकी पार्टी जरूर चुनाव लड़ेगी.

माना जाता है कि एआईएमआईएम की पकड़ मुस्लिम मतदाताओं पर है. राजद भी मुस्लिम मतदाताओं पर भरोसा रखती है. इधर, जनसुराज पार्टी ने भी बेलागंज से मुस्लिम उम्मीदवार खिलाफत हुसैन को मैदान में उतार दिया है. जिससे बेलागंज का मुकाबला दिलचस्प बन गया है.

जनसुराज पार्टी ने सभी चार सीटों पर उम्मीदवार उतार दिया है. जातीय समीकरण को देखते हुए जनसुराज ने अपने उम्मीदवारों का चयन किया है. माना जा रहा है कि जनसुराज एनडीए प्रत्याशी को नुकसान पहुंचा सकते हैं. इस बीच, बसपा ने भी उम्मीदवार उतारने की बात कही है.

राजद के प्रवक्ता एजाज अहमद कहते हैं कि चुनाव में कई पार्टियां मैदान में आती है, इस चुनाव में भी ऐसा हो रहा है, लेकिन इससे राजद को कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला है. बिहार की जनता तेजस्वी यादव के 17 महीने के कार्यकाल को देख रही है. जब नौकरियो की बहार थी.

भाजपा के प्रवक्ता मनोज शर्मा कहते हैं कि पूरे देश के लोगों को भाजपा पर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विश्वास है. बिहार भी प्रधानमंत्री के साथ है. कई पार्टियां चुनाव में आती हैं और फिर वापस लौट जाती हैं. उन्हें बिहार के लोगों से कोई मतलब नहीं होता है.

उल्लेखनीय है कि तरारी में सीपीआई के सुदामा प्रसाद, बेलागंज में राजद के सुरेंद्र यादव, इमामगंज में हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के जीतनराम मांझी और रामगढ़ में राजद के सुधाकर सिंह के लोकसभा पहुंच जाने से ये चारों सीटें खाली हुई हैं. सभी सीटों पर 13 नवंबर को वोटिंग होगी और 23 नवंबर को चुनाव नतीजे आएंगे.

एमएनपी/एएस