नई दिल्ली, 31 मार्च . वित्त वर्ष 2024 भारतीय शेयर बाजार के लिए फायदेमंद साबित हुआ. जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के अनुसंधान प्रमुख विनोद नायर का कहना है कि लार्ज कैप ने 33 प्रतिशत का रिटर्न दिया, मिडकैप में 56 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और स्मॉल कैप ने प्रभावशाली 63 प्रतिशत के साथ शानदार प्रदर्शन किया.
वित्त वर्ष 2024 में अर्थव्यवस्था में विकास से बाजार को बल मिला. वर्ष के दौरान तिमाही दर तिमाही आधार पर जीडीपी का पूर्वानुमान 6.4 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.3 प्रतिशत कर दिया गया. उन्होंने कहा कि निफ्टी 50 इंडेक्स के लिए सालाना 23-24 फीसदी ईपीएस पूर्वानुमान के साथ कॉर्पोरेट आय वृद्धि में तेजी आई.
प्रत्यक्ष निवेश के साथ-साथ म्यूच्यूअल फंड के माध्यम से निवेश द्वारा समर्थित खुदरा प्रवाह मजबूत बना रहा. घरेलू निवेशकों के ट्रेडिंग खातों की संख्या 16.7 करोड़ तक पहुंच गई, जो बाजार में बढ़ती भागीदारी को रेखांकित करती है. उन्होंने कहा कि इसके आलावा, मंदी का सामना कर रहे अन्य उभरते बाजारों की तुलना में भारत के बेहतर प्रदर्शन से उत्साहित एफआईआई ने शुद्ध खरीदारी गतिविधि में सुधार दिखाया.
हालांकि, 20 मार्च तक भारी बिकवाली दबाव के साथ, साल का अंत मंदी से हुआ. फिर भी, हाल के कारोबारी सत्रों में बाजार में कुछ राहत मिली है. लीवरेज्ड बिकवाली का दबाव कम हो गया है और खरीद गतिविधि में सुधार हुआ है, भले ही कम मात्रा में हो.
उन्होंने कहा, अप्रैल के आने वाले पहले सप्ताह में, अमेरिका और भारत में पीएमआई, फैक्ट्री ऑर्डर और अमेरिका में बेरोजगारी जैसे महत्वपूर्ण डेटा जारी होने की उम्मीद है. इसके आलावा, नीतिगत दरों में विशेष रूप से आरबीआई से संकेतों पर निवेशकों की नज़र रहेगी.
उन्होंने कहा, “हम एक नए वित्तीय वर्ष में जा रहे हैं, हमें फार्मा, कैपिटल गुड्स और इंफ्रा जैसे सेक्टर से काफी उम्मीदें हैं.”
उन्होंने कहा, हालांकि वर्तमान में एफएमसीजी और आईटी जैसे कुछ सेक्टर को कम मांग के कारण चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, हम सामान्य मानसून और फेड की दर में कटौती के बाद अमेरिकी मांग में वृद्धि के कारण बदलाव की उम्मीद करते हैं. हालांकि, फोकस लार्ज कैप पर है, मिड-कैप के प्रीमियम वैल्यूएशन में छोटी से मध्यम अवधि में दिक्कत आ सकती है.
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