सैन फ्रांसिस्को, 10 फरवरी . कार्डियो-ऑन्कोलॉजी के रोगियों में ‘स्लीप एपनिया’ आम है, जिनमें कैंसर थेरेपी के बाद दिल के दाैरेे का खतरा ज्यादा रहता है.
स्लीप एपनिया एक श्वास संबंधी विकार है, जो सोते समय होता है और इसे ऑब्सट्रक्टिव (ओएसए) या सेंट्रल (सीएसए) के रूप में वर्गीकृत किया जाता है. लक्षणों को कम करने और हृदय स्वास्थ्य को बढ़ाने के लिए इलाज किया जा सकता है.
अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी (एसीसी) में प्रस्तुत शोधपत्र के अनुसार, सामान्य आबादी में दिल के रोगियों में ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया का खतरा 48-52 प्रतिशत तक रहता है.
शोधकर्ताओं ने 296 सामान्य कार्डियोलॉजी रोगियों और 218 कार्डियो-ऑन्कोलॉजी रोगियों के बीच विकार की व्यापकता का मूल्यांकन करने के लिए स्लीप एपनिया संबंधी प्रश्नावली का उपयोग किया.
दोनों समूहों के लिए पारंपरिक जोखिम कारकों, स्टॉप-बैंग (खर्राटे, थकान, एपनिया, दबाव – ऊंचा रक्तचाप, बीएमआई, आयु, गर्दन, लिंग) स्कोर और नींद के इतिहास पर डेटा एकत्र किया गया था.
सामान्य कार्डियोलॉजी समूह में स्लीप एपनिया की घटना 54 प्रतिशत थी, जबकि कार्डियो-ऑन्कोलॉजी समूह में यह 39 प्रतिशत थी.
अमेरिका स्थित लुइसविले में बैपटिस्ट हेल्थ में कार्डियो ऑन्कोलॉजी कार्यक्रम के एमडी चिकित्सा निदेशक और अध्ययन के प्राथमिक लेखक मिनी के. दास ने कहा, ”इन व्यक्तियों की पहचान करने से स्पष्ट रूप से दिल के दौरेे से जुड़े जोखिम कारक में शीघ्र हस्तक्षेप की अनुमति मिल सकती है, जो अब इसे कैंसर चिकित्सा प्रभावित करने के लिए पहचाना जाता है.”
स्टॉप बैंग स्कोर का उपयोग करते हुए स्लीप एपनिया के लिए एक प्रश्नावली से पता चला कि जिन व्यक्तियों ने स्लीप एपनिया का इलाज नहीं किया है और साथ ही स्लीप एपनिया के बढ़ते जोखिम वाले लोगों में असामान्य वेंट्रिकुलर तनाव है, जो प्रतिकूल सीवी घटनाओं से जुड़ा एक सामान्य इको पैरामीटर है.
दास ने कहा, “स्लीप एपनिया को जोखिम एल्गोरिदम में शामिल किया जाना चाहिए और इस उच्च जोखिम वाली आबादी में स्लीप एपनिया के प्रभाव का मूल्यांकन करने के लिए व्यापक अध्ययन की जरूरत है.”
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एमकेएस/एसजीके