नई दिल्ली, 1 अप्रैल . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3-4 अप्रैल को थाईलैंड में छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम से भारत-थाईलैंड के आर्थिक और व्यापारिक संबंधों को पहले से ज्यादा मजबूती मिलेगी.
आसियान क्षेत्र में, सिंगापुर, इंडोनेशिया और मलेशिया के बाद थाईलैंड भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है.
2023 में भारत और थाईलैंड के बीच द्विपक्षीय व्यापार 16.04 बिलियन डॉलर रहा, जिसमें भारत से थाईलैंड को निर्यात 5.92 बिलियन डॉलर और आयात 10.11 बिलियन डॉलर रहा.
तेजी से बढ़ता भारतीय बाजार थाई निवेशकों के लिए आकर्षक बना हुआ है, जिसमें इंफ्रास्ट्रक्चर, एग्रो और फूड प्रोसेसिंग, ऑटोमोटिव और ऑटो पार्ट्स, फार्मास्यूटिकल्स और हेल्थ, पर्यटन, रिटेल और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में व्यापक अवसर उपलब्ध हैं.
प्रस्तावित भारत-थाईलैंड व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (सीईसीए) के तहत 83 उत्पादों को कवर करने वाली एक अर्ली हार्वेस्ट स्कीम (ईएचएस) सितंबर 2004 में लागू की गई थी और इसने द्विपक्षीय व्यापार के विकास में योगदान दिया है.
आसियान-भारत वस्तु व्यापार समझौता (एआईटीआईजीए), जो 1 जनवरी, 2010 से प्रभावी हुआ, ने भी द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने में योगदान दिया.
आसियान और भारत पक्ष वर्तमान में एआईटीआईजीए की समीक्षा पर काम कर रहे हैं, ताकि इसे व्यवसायों के लिए अधिक यूजर फ्रेंडली, सरल और व्यापार सुविधाजनक बनाया जा सके.
थाईलैंड को प्रमुख भारतीय निर्यात में चांदी के बिस्किट और सोने सहित आभूषण; मशीनरी और पार्ट्स; मेटल वेस्ट स्क्रैप और प्रोडक्ट; रसायन; सब्जियां और सब्जी उत्पाद; औषधीय और दवा उत्पाद; फ्रेश एक्वैटिक एनिमल, चिल्ड, फ्रोजन, प्रोसेस्ड और इंस्टेंट; वाहनों के पार्ट्स और एक्सेसरीज, आयरन, स्टील और प्रोडक्ट; इलेक्ट्रिक मशीनरी और पार्ट्स, कॉफी, चाय और मसाले आदि भेजे जाते हैं.
थाईलैंड से भारत द्वारा किए जाने वाले प्रमुख आयातों में पशु या वनस्पति वसा और तेल; रासायनिक उत्पाद; प्राथमिक रूपों में एथिलीन, प्रोपलीन आदि के पॉलिमर; बहुमूल्य पत्थर और आभूषण; लोहा और इस्पात तथा उनके उत्पाद; मशीनरी और उनके पुर्जे; मोटर कार, पुर्जे और सहायक उपकरण; तांबा और उनकी वस्तुएं; एल्यूमीनियम उत्पाद; स्पार्क-इग्निशन रेसिप्रोकेटिंग इंटरनल कम्बशन पिस्टन; स्वचालित डाटा प्रोसेसिंग मशीनें और उनके पुर्जे; एयर कंडीशनिंग मशीन और उनके पुर्जे; रबर उत्पाद; रबर आदि शामिल हैं.
हाल के वर्षों में भारत में थाईलैंड से निवेश बढ़ा है. थाई निवेश मुख्य रूप से इंफ्रास्ट्रक्चर, रियल एस्टेट, एग्रो प्रोसेसिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोटिव, फूड प्रोसेसिंग सेक्टर, होटल हॉस्पिटैलिटी सेक्टर और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में बढ़ा है.
2021 में, ग्लोबल रिन्यूएबल सिनर्जी कंपनी लिमिटेड ने भारत में रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में 453.29 मिलियन डॉलर का सबसे बड़ा निवेश किया.
बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल (बिम्सटेक) बंगाल की खाड़ी के तटीय और आस-पास के क्षेत्रों में स्थित सात सदस्य राज्यों का एक समूह है.
यह दक्षिण एशिया को दक्षिण-पूर्व एशिया से जोड़ने वाला एक लिंक है, जो दक्षिण एशिया से पांच सदस्य देशों बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल और श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व एशिया से दो देशों म्यांमार और थाईलैंड को जोड़ता है.
बिम्सटेक क्षेत्र 1.7 बिलियन लोगों को एक साथ लाता है, जो दुनिया की आबादी का 22 प्रतिशत है और जिसका संयुक्त सकल घरेलू उत्पाद 5 ट्रिलियन डॉलर है.
गुरुवार से शुरू होने वाली पीएम मोदी की थाईलैंड की दो दिवसीय यात्रा दक्षिण-पूर्व एशियाई देश के साथ भारत के आर्थिक और वाणिज्यिक संबंधों को बढ़ाने का अवसर प्रदान करती है.
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