रांची, 18 मार्च . रांची के चर्चित कोयला कारोबारी बिपिन मिश्र पर शहर के बरियातू इलाके में व्यस्त सड़क पर दिनदहाड़े फायरिंग की घटना का खुलासा करते हुए पुलिस ने छह अपराधियों को गिरफ्तार किया है. यह घटना मारे गए गैंगस्टर अमन साहू के गुर्गों ने अंजाम दिया था. उस समय अमन छत्तीसगढ़ की रायपुर जेल में बंद था. 7 मार्च, 2025 को हुई इस घटना में बिपिन मिश्र घायल हो गए थे. इस घटना के चार दिन बाद 11 मार्च को गैंगस्टर अमन साहू पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था.
रांची के डीआईजी सह एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि उन्होंने मामले की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम गठित की थी, जिसने अलग-अलग ठिकानों पर छापा मारकर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से चार पिस्टल, छह मैगजीन, 26 गोलियां और एक बाइक बरामद की गई है. इनमें दो पिस्टल ऑस्ट्रेलिया में निर्मित हैं. गिरफ्तार अपराधियों में प्रेम पांडेय, रहमान अंसारी, करण कुमार, अविनाश ठाकुर, शोभित सिंह और विशाल मुंडा शामिल हैं. गिरफ्तारी के दौरान प्रेम पांडेय और रहमान अंसारी भागने की कोशिश में पुलिस की गाड़ी से कूद गए, जिससे दोनों के पैर और शरीर के अन्य हिस्सों में गंभीर चोट आई हैं.
एसआईटी ने खुलासा किया है कि घटना को अंजाम देने के लिए अमन के गुर्गे प्रेम पांडेय को जेल में बंद आकाश राय उर्फ मोनू ने हथियार उपलब्ध कराया था. इसके बाद प्रेम पांडेय ने बक्सर से आए शूटर अविनाश ठाकुर और शोभित सिंह के साथ मिलकर कोयला कारोबारी पर फायरिंग की थी. इस साजिश में करण कुमार और रहमान अंसारी भी शामिल थे. इस वारदात को अंजाम देने के लिए अपराधियों को दो लाख रुपए अमन साहू ने भिजवाए थे. कारोबारी बिपिन मिश्रा के निजी और सरकारी बॉडीगार्ड ने जब अपराधियों पर जवाबी फायरिंग की, तो वे फरार हो गए थे. फायरिंग के बाद अमन साहू के गैंग ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर घटना की जिम्मेदारी ली थी.
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एसएनसी/