बांग्लादेश में हालात गंभीर : पूर्व भारतीय उच्चायुक्त

नई दिल्ली, 03 दिसंबर . बांग्लादेश में भारत के पूर्व उच्चायुक्त पिनक रंजन चक्रवर्ती का मानना है कि पड़ोसी मुल्क में हालात गंभीर है, लॉ एंड ऑर्डर ध्वस्त हो गया है. उन्होंने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की आलोचना की और उसे एक एक ‘गैर राजनीतिक’ सरकार बताया.

चक्रवर्ती ने कहा, ‘मुझे लगता है कि भारत सरकार ने ‘वेट एंड सी’ की रणनीति अपनाई है. इसकी एक वजह है कि, हमारी ज्यादा प्रतिक्रिया से वहां एंटी इंडिया ताकतों को हवा मिल सकती है.’

बांग्लादेश में भारत के पूर्व उच्चायुक्त ने कहा, ‘भारत ने हालात सामान्य बनाए रखने की कोशिश की है. हमने वीजा पर जरूर पाबंदियां लगाईं जो कि सुरक्षा कारणों से किया गया. इमरजेंसी वीजा अभी भी दिए जा रहे हैं. मेडिकल वीजा भी दिया जा रहा है. हालांकि अभी बांग्लादेशियों का भारत आना कम हो गया है.

चक्रवर्ती ने कहा, “बांग्लादेश में लॉ एंड ऑर्डर ध्वस्त हो गया है. मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार काम कर रही है जो कि एक गैर राजनीतिक सरकार है. इसकी सेना और प्रसाशन पर कितनी पकड़ है यह भी एक सवाल है. वहां पर स्टूडेंट लीडर और कट्टरपंथियों एकजुट होकर खुलेआम गुंडागर्दी कर रहे हैं.” उन्होंने आगे कहा कि अंतरिम सरकार को जल्द से जल्द चुनाव कराकर सत्ता पॉलिटिकल पार्टी को सौंपने को कहा गया था लेकिन अब वो कह रहे हैं कि हम सुधार करेंगे

बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर बोलते हुए उन्होंने कहा, ‘वहां की इकॉनोमी काफी नीचे चली गई है, हालांकि आर्थिक स्तर पर भारत की तरफ से कोई एक्शन नहीं लिया गया है, भारत से सबकुछ वहां जा रहा है, हां बीच कें कुछ सप्लाई जरूर बाधित हुई थी.”

बता दें बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पर अल्पसंख्कों के साथ भेदभाव बरतने, उन्हें, उनके घरों और धार्मिक स्थलों को पर्याप्त सुरक्षा न देने के आरोप लगते रहे हैं.

पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर इन आरोपों की तरफ दुनिया का ध्यान गया है. कृष्ण दास को ढाका के हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उस समय गिरफ्तार किया गया जब वह एक रैली में भाग लेने चटगांव जा रहे थे. पिछले हफ्ते अदालत ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया और जेल भेज दिया.

–आईएएनएएस

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