सीतारमण ने वित्त मंत्री के रूप में संभाला कार्यभार, पहली चुनौती पूर्ण बजट

नई दिल्ली, 12 जून . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कैबिनेट में मंत्रालयों का बंटवारा हो चुका है. निर्मला सीतारमण को एक बार फिर से वित्त मंत्रालय दिया गया है. बुधवार को दिल्ली के साउथ ब्लॉक में केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री के रूप में उन्होंने कार्यभार संभाल लिया.

कार्यभार संभालने के बाद उन्होंने कुछ फाइलों पर हस्ताक्षर किए.

सीतारमण के साथ पंकज चौधरी भी थे, जिन्होंने मंत्रालय में राज्य मंत्री (एमओएस) के रूप में कार्यभार संभाला है.

निर्मला सीतारमण 2014 और 2019 के मोदी मंत्रिमंडल में केंद्रीय मंत्री रह चुकी हैं.

पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के निधन के बाद पीएम मोदी ने निर्मला सीतारमण को वित्त मंत्रालय का जिम्मा सौंपा था. उससे पहले उनके पास रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी थी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निर्मला सीतारमण को दोबारा वित्त मंत्रालय देकर सरकार की आर्थिक नीति में निरंतरता का स्पष्ट संदेश दिया है.

सीतारमण की वापसी एक सफल ट्रैक रिकॉर्ड के आधार पर हुई है, जिसमें भारतीय अर्थव्यवस्था ने 2023-24 में 8.2 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर्ज की. यह दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज है और मुद्रास्फीति 5 प्रतिशत से नीचे आ गई है.

वित्त मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान, राजकोषीय घाटा भी 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद के 9 प्रतिशत से कम होकर 2024-25 के लिए 5.1 प्रतिशत के लक्षित स्तर पर आ गया है.

निर्मला सीतारमण के सामने अब चुनौती बजट पेश करने की है. लोकसभा चुनाव के चलते इस साल फरवरी में अंतरिम बजट पेश हुआ था. अब जुलाई में पूर्ण बजट आने वाला है, जो यह सुनिश्चित करेगा कि अर्थव्यवस्था उच्च विकास पथ पर बनी रहे और अधिक रोजगार सृजित हो. उद्योग जगत समेत हर किसी को बजट से काफी उम्मीदें हैं.

2014 में, उन्होंने वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के राज्य मंत्री और बाद में स्वतंत्र प्रभार के साथ वाणिज्य और उद्योग मंत्री के रूप में काम किया. वह 2017 में रक्षा मंत्री बनीं.

2019 में, सीतारमण ने केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला.

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पीके/