बजट में रोजगार, कौशल विकास पर सबसे अधिक जोर : सीतारमण

नई दिल्ली, 23 जुलाई . केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को अपना सातवां लगातार बजट पेश किया, जिसमें रोजगार, कौशल विकास, कृषि और विनिर्माण पर फोकस करते हुए 2047 तक ‘विकसित भारत’ के लिए रोडमैप है.

मोदी 3.0 के तहत पहला बजट एक आर्थिक दृष्टिकोण तैयार करता है जो फिस्कल प्रूडेंस को ध्यान में रख कर तैयार किया गया है. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार का 2014 के बाद से लगातार 13वां बजट है, जिसमें दो अंतरिम बजट शामिल हैं.

केंद्रीय बजट ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए अधिक आवंटन, कराधान सुधार, बुनियादी ढांचे को बढ़ावा, स्थानीय विनिर्माण, नौकरी और कौशल सृजन पर जोर और अधिक श्रम-प्रधान क्षेत्रों में प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेटिव (पीएलआई) आवंटन का समर्थन करने पर केंद्रित है.

रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्री ने तीन योजनाओं की घोषणा की है.

वित्त मंत्री ने कहा, “सरकार रोजगार सृजन के लिए तीन योजनाएं शुरू करेगी. पहली बार रोजगार पाने वालों के लिए योजना, जिसमें सभी क्षेत्रों में कार्यबल में शामिल होने वाले सभी लोगों को एक महीने का वेतन दिया जाएगा. रोजगार देने वाली योजना से 2.1 करोड़ युवाओं को लाभ मिलेगा.”

लोकसभा में बजट पेश करते हुए उन्होंने कहा, “भारत के लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में अपना विश्वास जताया है और ऐतिहासिक तीसरे कार्यकाल के लिए इसे फिर से चुना है.”

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को पांच साल के लिए बढ़ा दिया गया है, जिससे देश के 80 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ मिलेगा. चूंकि मोदी सरकार का ध्यान कृषि पर है, इसलिए वित्त मंत्री ने कहा, “किसानों को 109 नई उच्च उपज देने वाली किस्में जारी की जाएंगी. दो वर्षों में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ा जाएगा.”

वित्त वर्ष 2025 में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये अलग रखे जाएंगे.

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