एसआईआर दूसरा चरण: 12 राज्यों में 99.16 प्रतिशत गणना फॉर्म वितरित किए गए

New Delhi, 25 नवंबर . बिहार के बाद अब देश के 12 राज्यों में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) जारी है. एसआईआर के निर्वाचन आयोग की टीम मतदाताओं को घर-घर जाकर गणना फॉर्म (ईएफ) बांट रही है. इस दौरान India निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने Tuesday को एसआईआर के दूसरे चरण में महत्वपूर्ण प्रगति की सूचना दी.

निर्वाचन आयोग ने बताया कि 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 99.16 प्रतिशत गणना फॉर्म (ईएफ) पहले ही वितरित किए जा चुके हैं.

4 नवंबर से 4 दिसंबर तक चलने वाले चल रहे गणना चरण के दौरान, पात्र 50.97 करोड़ मतदाताओं में से कुल 50.54 करोड़ ईएफ वितरित किए जा चुके हैं.

ईएफ का डिजिटलीकरण भी तेजी से हो रहा है. अब तक 28.71 करोड़ फॉर्म डिजिटल किए जा चुके हैं, जिससे कुल डिजिटलीकरण दर 56.34 प्रतिशत हो गई है.

गोवा और लक्षद्वीप में ईएफ का पूर्णतः 100 प्रतिशत वितरण दर्ज किया गया है. इसके बाद अंडमान और निकोबार में 99.98 प्रतिशत, Madhya Pradesh में 99.85 प्रतिशत, पश्चिम बंगाल में 99.85 प्रतिशत और Gujarat में 99.73 प्रतिशत वितरण हुआ है.

मतदाता संख्या के हिसाब से सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश ने 99.64 प्रतिशत ईएफ वितरण हासिल किया है, जिसमें 15.38 करोड़ से अधिक मतदाता शामिल हैं.

केरल (97.53 प्रतिशत), तमिलनाडु (96.65 प्रतिशत), और पुडुचेरी (95.94 प्रतिशत) अन्य शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्यों में शामिल हैं.

पश्चिम बंगाल में 7.64 करोड़ मतदाताओं को या 99.77 प्रतिशत ईएफ वितरित किए जा चुके हैं. चुनाव आयोग के एक बयान में कहा गया है कि राज्य में 70.14 प्रतिशत ईएफ का डिजिटलीकरण किया जा चुका है.

डिजिटलीकरण के मामले में लक्षद्वीप 99.33 प्रतिशत के साथ सबसे आगे है, उसके बाद गोवा 82.68 प्रतिशत और Rajasthan 78.39 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर हैं.

उत्तर प्रदेश में ईएफ का सबसे धीमा डिजिटलीकरण 34.03 प्रतिशत दर्ज किया गया है, उसके बाद केरल (35.90 प्रतिशत) का स्थान है.

चुनाव आयोग ने कहा कि मान्यता प्राप्त Political दलों से सत्यापन और डिजिटलीकरण में तेजी लाने के लिए अधिक बूथ स्तरीय एजेंट नियुक्त करने का आग्रह किया गया है.

चुनाव आयोग ने एक बयान में कहा कि Rajasthan के आंकड़ों में अंता विधानसभा क्षेत्र शामिल नहीं है, जहां उपचुनाव के कारण संशोधन स्थगित कर दिया गया था.

चुनाव संशोधन प्रक्रिया 4 दिसंबर की समय सीमा की ओर बढ़ने के साथ ही चुनाव आयोग निर्धारित बुलेटिन जारी करना जारी रखेगा.

एमएस/डीकेपी