‘एसआईआर ने खेल किया’, बिहार चुनाव के रुझानों पर विपक्ष ने उठाए सवाल

New Delhi, 14 नवंबर . बिहार विधानसभा चुनाव में 243 सीटों पर आए रुझानों में एनडीए बड़ी जीत की ओर बढ़ रही है, जबकि महागठबंधन को करारा झटका लगने जा रहा है. चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, भाजपा 90 और जेडीयू 80 सीटों पर आगे चल रही है. वहीं राजद 28 और कांग्रेस 5 सीटों पर आगे है.

वहीं रुझानों को लेकर अब विपक्षी पार्टियों ने चुनाव आयोग पर सवाल उठाने शुरू कर दिए. रुझान में एनडीए को स्पष्ट बहुमत मिलने पर Samajwadi Party (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा और चुनाव आयोग पर निशाना साधा और कहा कि बिहार चुनाव के परिणामों ने एसआईआर के खेल को उजागर कर दिया है. इनकी चुनावी साजिश का अब भंडाफोड़ हो चुका है. उन्होंने कहा कि भाजपा दल नहीं छल है.

अखिलेश यादव ने Friday को social media प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”बिहार में जो खेल एसआईआर ने किया है वो पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, यूपी और बाकी जगह पर अब नहीं हो पाएगा, क्योंकि इस चुनावी साजिश का अब भंडाफोड़ हो चुका है. अब आगे हम ये खेल इनको नहीं खेलने देंगे. cctv की तरह हमारा ‘पीपीटीवी’ मतलब ‘पीडीए प्रहरी’ चौकन्ना रहकर भाजपाई मंसूबों को नाकाम करेगा. भाजपा दल नहीं छल है.”

बिहार विधानसभा चुनाव पर कांग्रेस नेता उदित राज ने से बातचीत करते हुए कहा, “यह एनडीए की नहीं, बल्कि एसआईआर और चुनाव आयोग की जीत है. इसमें वोट चोरी हुई है. Haryana और Maharashtra में इन्होंने वोट चोरी करके Government बनाई. बिहार में हमने आखिर तक आपत्ति जताई, लेकिन चुनाव आयोग ने लिखित में नहीं दिया. ऐसे में नतीजे तो ऐसे ही आने ही थे.”

छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल ने एक्स पोस्ट में लिखा, ”मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को बिहार चुनाव में जीत की बधाई. आपने बहुत मेहनत की. 64 लाख मतदाताओं के नाम काटे. 16 लाख नए मतदाताओं ने आवेदन किया आपने 21 लाख नए नाम जोड़ लिए. धांधली पर धांधली. बेहिसाब धांधली. भाजपा को आपसे अच्छा सहयोगी नहीं मिल सकता.”

वहीं शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने रुझानों में एनडीए को स्पष्ट बहुमत मिलने पर भाजपा और चुनाव आयोग पर हमला बोला. उन्होंने social media प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम से चौंकने की जरूरत नहीं है. चुनाव आयोग और भाजपा मिलकर जो राष्ट्रीय कार्य कर रहे थे, उसे देखते हुए इससे अलग नतीजे आना संभव नहीं था. बिल्कुल Maharashtra जैसा पैटर्न. जिस गठबंधन का सत्ता में आना तय था, वह 50 के अंदर ही खत्म हो गया.”

एसके/एएस