New Delhi, 1 अगस्त . विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने Friday को Lok Sabha में बताया कि 20 जनवरी से 22 जुलाई 2025 के बीच कुल 1,703 भारतीय नागरिकों को अमेरिका से वापस भेजा गया है. इनमें 1,562 पुरुष और 141 महिलाएं शामिल हैं. सबसे ज्यादा पंजाब से 620, हरियाणा से 604, गुजरात से 245, और उत्तर प्रदेश से 38 लोग वापस भेजे गए.
अमेरिका की कस्टम्स और बॉर्डर प्रोटेक्शन एजेंसी, यूएस इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट (आईसीई), और डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (डीएचएस) के जरिए इन लोगों को अमेरिका से वापस भेजा गया. कुछ लोगों को पनामा और अमेरिका से कमर्शियल फ्लाइट्स के जरिए भी वापस भेजा गया.
सांसद कनिमोझी करुणानिधि के एक सवाल के जवाब में, कीर्ति वर्धन सिंह ने बताया कि भारत सरकार ने अमेरिका के सामने वापस भेजे गए भारतीयों के साथ किए गए बर्ताव पर चिंता जताई है. उन्होंने कहा, “विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों पर हथकड़ी लगाने और सांस्कृतिक संवेदनाओं जैसे कि पगड़ी और भोजन संबंधी जरूरतों को नजरअंदाज करने पर सरकार ने चिंता जताई.”
हालांकि, मंत्री ने यह भी बताया कि 5 फरवरी 2025 के बाद से इस तरह की कोई नई शिकायत दर्ज नहीं हुई है.
कीर्ति वर्धन सिंह ने यह भी बताया कि ‘एफ’, ‘एम’ और ‘जे’ वीजा कैटेगरी में देरी और कठिनाइयों को लेकर सरकार को कई छात्रों और अभिभावकों की शिकायतें मिली थीं. भारत ने इस मुद्दे को अमेरिकी दूतावास और विदेश विभाग के साथ उठाया.
अमेरिका ने जवाब में कहा कि सुरक्षा संबंधी उपायों की वजह से वीजा प्रोसेसिंग में देरी हो रही थी, लेकिन अब अपॉइंटमेंट्स फिर से शुरू कर दी गई हैं.
भारत सरकार अमेरिका में मौजूद भारतीय छात्रों और प्रवासियों की स्थिति की लगातार निगरानी कर रही है. इसके लिए दूतावासों में विशेष अधिकारी और ‘एमएडीएडी’ पोर्टल पर शिकायतों का तुरंत समाधान किया जा रहा है.
जरूरत पड़ने पर भारतीय समुदाय को भारतीय समुदाय कल्याण कोष के तहत आपातकालीन मदद भी दी जा रही है.
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वीकेयू/एएस