सिमरन जीत सिंह मान का भारत सरकार के खिलाफ विवादित बयान, खालिस्तान की मांग का भी किया समर्थन

करनाल, 29 अगस्त . पूर्व सांसद और शिरोमणि अकाली दल के अमृतसर नगर अध्यक्ष सिमरन जीत सिंह मान ने करनाल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कई विवादित बयान दिए. उन्होंने कनाडा, अमेरिका, यूरोप और पाकिस्तान में अज्ञात बंदूकधारियों द्वारा मारे जा रहे सिखों की मौत का आरोप भारत सरकार पर लगाते हुए खालिस्तान की मांग का भी समर्थन किया.

साथ ही उन्होंने भारत सरकार पर आतंकवाद फैलाने का भी आरोप लगाया. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उनके साथ पार्टी के कई कार्यकर्ता भी मौजूद थे.

सिमरन जीत सिंह मान ने भारत सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार देश के बाहर सिखों की हत्या करवा रही है. उनका कहना था कि यदि ये लोग देशद्रोही थे, तो उन्हें भारत में मुकदमे का सामना करना चाहिए था और सजा दी जानी चाहिए थी, न कि उन्हें विदेश में मार दिया जाना चाहिए था.

सिमरन जीत सिंह मान ने अपने बयान में कहा, “भारत सरकार देश के बाहर सिखों को मरवा रही है. भारत सरकार द्वारा भारत के बाहर मारे गए लोग एकदम देशद्रोही नहीं थे. अगर वह लोग देशद्रोही थे तो उन पर देश में मुकदमा चलाना था और सजा देनी थी. पर ऐसा काम उनके साथ नहीं करना था. उन्हें देश में नहीं मार सकते इसलिए देश के बाहर मार दिया. किसी को नक्सली कहकर या आतंकवादी कहकर मार देना, हमारे यहां ऐसा कोई कानून नहीं है. भारत आजाद है पर सिख आजाद नहीं है. सिख अपना अलग देश चाहते हैं. मैं उनका समर्थन करता हूं. आजादी की मांग करने वाले लोग खालिस्तान चाहते हैं और स्वतंत्रता चाहते हैं. हम चाहते हैं कि सिखों के लिए एक बफर स्टेट हो. पाकिस्तान, भारत और चीन के पास परमाणु हथियार हैं. यदि ये तीनों देश आपस में लड़ते हैं तो इन देशों की पूरी सिविलाइजेशन खत्म हो जाएगी. यदि इसके बीच एक सिखों का बफर स्टेट बन जाए तो फिर ऐसा युद्ध नहीं हो पाएगा.”

इसके अलावा उन्होंने भारत सरकार पर आतंकवाद फैलाने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा, “भारत और पाकिस्तान दोनों देश आतंकवाद करते हैं. भारत ने भी बहुत से सिख मरवा दिए हैं.”

इसके अलावा, मान ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पार्टी के पांच उम्मीदवारों की भी घोषणा की. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी हरियाणा में चुनाव लड़ेगी और उम्मीदवारों में असंध से हरजीत सिंह विर्क, करनाल से हरदीप सिंह, पिहोवा से कुलदीप सिंह, गुहला से भूपेंद्र सिंह, और उचान से अमरजीत सिंह शामिल हैं. उन्होंने यह भी कहा कि वाघा बॉर्डर को व्यापार के लिए खोल देना चाहिए और हिंदी बोलने से कोई हिंदू नहीं बनता है. मान ने केंद्र सरकार पर यह आरोप लगाया कि सरकार ने 30 साल से जेल में बंद सिखों को छोड़ने में भेदभाव किया है और हिंदू-सिख भेदभाव को समाप्त करना चाहिए.

पीएसएम