पीएम मोदी के दिल के बेहद करीब है सिख समुदाय

नई दिल्ली, 23 फरवरी . मोदी सरकार का सिख समुदाय के साथ हमेशा से एक अनोखा रिश्ता रहा है. साल 2014 में केंद्र की सत्ता में आने के बाद से नरेंद्र मोदी सरकार ने सिख समाज के लिए कई ऐसे बड़े कार्य किए हैं, जिससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सिख समुदाय से अटूट संबंध को समझा जा सकता है.

इसके अलावा पीएम मोदी ने समय-समय पर जरूरतों के हिसाब से सिख समुदाय की हर मांग भी पूरी करने का प्रयास किया है. चाहे लंगर से जीएसटी हटाने का फैसला हो या श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर का लोकार्पण हो. मोदी सरकार ने हमेशा ही सिख समुदाय को सशक्त बनाने की दिशा में कई काम किए हैं, जिन्‍हें इस तरह समझा जा सकता है.

मोदी सरकार ने सितंबर 2020 में श्री हरमंदिर साहिब के लिए एफसीआरए की अनुमति देने का फैसला किया. सरकार का यह फैसला श्री दरबार साहिब और विश्‍व भर के संगत के बीच सेवा के जुड़ाव को दर्शाता है. इसके अलावा सिख समुदाय की सेवा भावना को समझते हुए मोदी सरकार ने पहली बार लंगर पर से जीएसटी हटाने का निर्णय लिया. इससे पहले लंगर के सामानों पर जीएसटी कर लगता था. लेकिन मोदी सरकार ने ‘सेवा भोज योजना’ के तहत और सिख समुदाय की मांग पर साल 2018 में लंगर पदार्थों पर लगने वाले जीएसटी को माफ कर दिया था. इसके तहत लंगरों में उपयोग होने वाले खाद्य पदार्थों पर जीएसटी और आईजीएसटी के लिए होने वाले 325 करोड़ रुपये का वार्षिक परिव्यय लौटाया जाएगा.

पीएम मोदी और उनकी सरकार का सिखों से बड़ा लगाव है, जिसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री मोदी ने साल 2019 में करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन किया था. इसके लिए उनकी सरकार ने 120 करोड़ रुपये की धनराशि भी आवंटित की और सिखों के पाकिस्तान में जाकर करतापुर में मत्था टेकने की राह आसान कर दी. इसमें हर रोज 15,000 से अधिक तीर्थयात्रियों की व्यवस्था के लिए बनाए गए यात्री टर्मिनल सहित अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा शामिल है.

मोदी सरकार ने श्री गुरु नानक देव की 550वीं जयंती पर सुल्तानपुर लोधी को एक विरासत शहर के रूप में विकसित किया, जहां नानक देव ने अपना अधिकांश जीवन व्यतीत किया था. इसके अलावा सुल्तानपुर लोधी रेलवे स्टेशन का आधुनिकीकरण, सप्ताह में पांच दिन श्री गुरु नानक देव जी से जुड़े स्थलों के स्पेशल ट्रेन चलाई.

श्री गुरु गोबिंद सिंह की 350वीं जयंती पर भव्य प्रकाश पर समारोहों के लिए 100 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया. इस अवसर पर 350 रुपये का स्मारक सिक्का और पटना में स्मारक डाक टिकट जारी किया गया.

मोदी सरकार ने अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और अन्य देशों में रह रहे विदेशी नागरिकता प्राप्त कई सिखों के नाम केंद्रीय प्रतिकूलता सूची या ‘ब्लैकलिस्ट’ से हटवाए, जिससे इन लोगों को अपने परिवारों से मिलने, भारतीय वीजा और ओसीआई कार्ड हासिल करने की सुविधा मिली.

नागरिकता संशोधन कानून के तहत अफगानिस्तान और पाकिस्तान के सिख शरणार्थियों को भारत की नागरिकता पाने में मदद मिली है, जिन्हें जबरन धर्म बदलना या आतंकवाद आदि का शिकार होना पड़ा था.

मोदी सरकार ने जम्‍मू-कश्‍मीर से अनुच्छेद 370 समाप्त किए, जिससे सिख अल्पसंख्यकों को समान अधिकार मिला. इसके साथ ही 1947 में पश्चिमी पाकिस्तान से आए सिख शरणार्थियों को आवास प्रमाणपत्र जारी किए गए.

1984 के सिख विरोधी दंगा पीड़ितों को मोदी सरकार ने न्याय दिलाया. सरकार द्वारा गठित एसआईटी के जरिए 1984 के दंगे की फिर से जांच कराई गई. इतने समय तक न्याय के शिकंजे से बचते रहे बड़े राजनीतिक नेताओं पर एसआईटी के गठन के 3 साल के भीतर मुकदमा चलाया गया. इसके साथ ही पीड़ितों के परिजनों को आर्थिक सहायता भी दी गई.

प्रधानमंत्री मोदी ने अगस्त 2021 में जलियांवाला बाग के नए स्मारक और म्यूजियम गैलरी का उद्घाटन किया. इसके अलावा जलियांवाला बाग में घटित विभिन्न घटनाओं को दर्शाने के लिए एक साउंड एंड लाइट शो की व्यवस्था की गई. साथ ही, शहीदी कुएं की मरम्मत भी कराई गई.

मोदी सरकार ने सिख युवाओं का सशक्तीकरण किया. साल 2014 से पहले जहां 18 लाख सिख स्टूडेंट को स्कॉलरशिप दी जाती थी, वहीं मोदी सरकार ने 31 लाख सिख छात्रों को मैट्रिक पूर्व, प्री/पोस्ट मैट्रिक और मेरिट कम-मीन्स छात्रवृत्ति दी.

एसके/एबीएम